सोमवार, 17 सितंबर 2012

कोयले की कालिख से घिरी सरकारें


कई दिनों से संसद ठप्प क्योंकि कोयला कारण जो काव-काव से | जब से कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि –कोयले के आंबटन में गड़बड़ी के कारण देश को एक लाख पचासी हजार का नुकसान हुआ | कैग कि रिपोर्ट के बाद भाजपा ने सरकार पर आक्रामक रूप हमला कर प्रधानमंत्री से इत्तिफा मांग है | देश के प्रधानमंत्री को मुख्य रूप से दोषी माना क्योकिं यह विभाग प्रधानमंत्री के पास था | हमारे खड़ाऊं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहाकि संसद में चर्चा करलो | भाजपा का कहना है कि पहले प्रधानमंत्री इत्तिफा दे उसके बाद संसद में चर्चा करगे | भाजपा का २ जी घोटाला में जो अनुभव है कांग्रेस ने यह कहती रही है कि २ जी नाम का कोई घोटाला नहीं हुआ है | लेकिन सुप्रीमकोर्ट के कारण राजा ,कझिमोइनी तथा अनेक लोगों को जेल जाना पड़ा | जनता में यह सन्देश गया कि विपक्ष अपना भूमिका ठीक से नहीं निभा पा रहा है | इस बार भाजपा इस मामले में शुरू से आक्रामक रूप अपनाते हुआ प्रधानमंत्री कि त्याग पत्र मांग है | अपने देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ईरान वापस आते समय कह रहे थे कि – मुझे यदि इत्तिफा देना होता तो यहाँ नहीं आता ,भाजपा को चहिए कि अगले चुनाव तक हमे शासन करने दे | अब तक की सबसे भ्रष्ट कांग्रेस की सरकार है जो अपनी सभी मर्यादा को भूल चुकी है |
 यह समस्या शुरू हुआ ,बी .बी. सी  के अनुसार मार्च में टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार में छपी एक खबर थी जिसमे कहा गया था कि सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोयले की खदानों की नीलामी न करने से सरकार को दस लाख करोड़ रुपयों से भी ज़्यादा का नुकसान हुआ है | उसी दिन दो बार राज्यसभा स्थगित करना पड़ा था | यह बात है जब कैग की रिपोर्ट नहीं आई थी

शनिवार, 15 सितंबर 2012

पूर्व सरसंघचालक पूजनीय सुदर्शन जी का निधन


         कल रात में हम सभी जो संघ कार्यालय जागृतिमंडल रायपुर में उपस्थित थे | हम में से ने भी किसी  नहीं सोचा था की सुबह अपने पूर्व सरसंघचालक पूज्य सुदर्शनजी हमारे बीच नहीं रहेगे | कल दोपहर में जब वे भोजन करके वापस कार्यालय जागृतिमंडल आये थे | मै उस समय वही था उन्होंने मुझे अपने कमरे में  बुलाया | मै तुरंत उनके कमरे में गया तो उन्होंने इशारे से पूछा कि- क्या हालचाल है | मै ठीक हू  मैंने कहा, और उनका हालचाल  पूछा कि -आपका क्या हाल है,| उन्होंने कहाकि - सब ठीक चल रहा है, थोडा सा मोटा हो गया हू | पके आम है, कभी भी टपक सकते है | यह बात अकसर  पूजनीय सुदर्शन कहते थे | 

    उहोंने कहाकि आज सायं ४ बजे  श्री गोपाल जी के पुस्तक का विमोचन का कार्यक्रम मेरे द्वारा होना है | (श्री गोपाल जी व्यास संघ के गृहस्थप्रचारक रहे है तथा  राज्य सभा के निर्वतमान सासंद है )| मैंने कहा कि मै भी एक छोटी सी पुस्तिका 'सरना ' लिखा हूँ | जशपुर में विभाग प्रचारक था, उस समय के कार्यक्षेत्र में अनुभव हुआ, उसे छोटी से पुस्तिका में लिखा हू | उन्होंने पूछा कि क्या लिखे हो, है तो दिखाओ | मै कहा कि अभी लेकर आता हू | उन्होंने कहाकि - मै अभी थोडा आराम करता हू | आप ले कर आओ | मै तुंरत गद्ररे भवन जा कर उस पुस्तक की प्रति ले कर आया | तब तक २ घंटा हो चूका था | पुज्य सुदर्शन जी एक नीद लेकर जाग गए थे | उम्र के कारण दोपहर में थोडा विश्राम करते थे | जब मै जागृति मंडल पंहुचा तो पूज्य सुदर्शन जी अपने कमरे के सामने कुर्शी पर बैठकर (श्री गोपाल जी की पुस्तक सत्यमेव जयते जिसका विमोचन होना था ) पुस्तक पढ़ रहे थे | मुझे देख कर कहा कि - ले आये हो क्या ? मैंने कहाकि - हाँ | ठीक है तो बिस्तर पर रख दो अभी शाखा से आने के बाद देखता हूँ |  

      ठीक ४ बजे जागृति मंडल में कार्यक्रम प्रारभ हुआ | उन्होंने आपातकाल बिषय में कहा कि किस प्रकार से इंदिरा गाँधी द्वारा लोक तत्र की हत्या की गई  थी | उस समय जनता ने कोई प्रतिक्रिया तो नहीं कि लेकिन जब न्यायालय का निर्णय इंदिरा जी के विरोध में आया तो जनता ने उत्सव मनाया | उन्होंने तो पुस्तक के बारे में कहा कि श्री गोपाल जी ने इन घटनाओं को उपन्यास के रूप में अत्यंत रोचकतापूर्ण लिखा है | कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद वे शाखा चले गए | मै भी कुछ काम से रायपुरशहर में निकल गया ।   

      जब मै ८ बजे जागृति मंडल पंहुचा तो उन्होंने मुझे याद किया था | उनकी व्यवस्था में जो प्रबंधक श्री लव कुमार जी ने मुझे देखते ही कहा कि रमाशंकर भईया आपको भाईसाहब याद कर रहे है | जब मै पूज्य सुदर्शन जी से मिलने गया तो, तुरत उन्होंने कहा कि पुस्तक में बिषय बिंदु ठीक है, भाषा कि  अशुद्वि  है इसको फिर से पढकर ठीक करो | इस पुस्तक में श्री गुरु जी का जशपुर प्रवास का उल्लेख होना चाहिए | प्रान्त प्रचारक से कहकर पुस्तक छपवाना तथा अनेक बिन्दुओं पर और भी पुस्तके  लिखो | पुस्तक के सबंध में  अनेक छोटी बातों को ध्यान दो भाषा का ठीक प्रकार से और अध्ययन करो | हमारी भाषा में  जितनी शुद्धता हो उतना ही अच्छा होगा |

       इसी बीच भोजन का समय हो गया और में भोजन करने चला गया | पूज्य सुदर्शन जी को भोजन श्री ज्ञनेश त्रिपाठी जी सपरिवार भोजन कराने आये थे | भोजन के लिए पूज्य सुदर्शन अपने कमरे से बाहर आये तथा बरामदे में उन्होंने ने भोजन के लिए बैठे उनके  साथ श्रीरंग राजे ,कोमल सिंह ,देवनारायण ,नारायण नामदेव, संजय दुबे आदि ने साथ में भोजन किया | इसी बीच में मैंने मा.शांताराम जी को बताया  की पूज्य सुदर्शन मेरी पुस्तक के बारे में भाषा की अशुद्धि को सुधारने को कहा है | मा. शांताराम जी कहा की मेरे पास छोड़ देना मै देखता हू | भोजन के बाद पूज्य सुदर्शन अपने में कमरे गए | उनका मन टीवी देखने का था | श्री चुन्नीलाल जी को कहाकि मुझे सब चेनल देखना है उसे लगाओ | इसी बीच में मैंने पूछा कि-पंडित जवाहरलाल जी नेहरु के बारे में आज आपने कहा था पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में | उन्होंने कहाकि - इस देश में जितने भी मुख्य समस्या है उसके जड़ में नेहरूजी है | हा लेकिन एक काम उन्होंने ठीक किया था कि –'' देश का कैलेडर भारतीय पचांग के अनुसार हो | इसके लिए उन्होंने देश के वैजानिक मेघनाथ साहा को कहा था, और श्री मेघनाथ साहा ने वह कैलेंडर बनाया । किन्तु नेहरु जी का निधन होने के कारण वह कैलेंडर लागु नहीं हो सका है |''

     यह बात उन्होंने जब कही उसके बाद मुझे कहा कि -अपने प्रान्त प्रचारक को कहना अपने पुस्तक के बारे में छापने के लिए और मै भी कहकर जाऊँगा | रात ९.३० हो गए , मेरी टिकट बिश्रामपुर के लिए था, मुझे रायपुर स्टेशन पहुचना था | मैंने पूज्य सुदर्शन से कहा कि मै जा रहा हू । ठीक है , मै प्रान्त प्रचारक को कहूगा आपके पुस्तक के बारे में | यह मेरी सुदर्शन जी से लगभग डेह घंटा की बातचीत हुई इसके बाद उन्होंने और किसी से बातचीत नहीं किये अपने कक्ष में सो गये | जब मै बिश्रामपुर पंहुच ही रहा था कि - दुर्गेश यादव जी का फोन आया कि पूज्य सुदर्शन हमारे बीच नहीं रहे | तभी मेरा मन जागृति मंडल से वापस आने का नहीं कर रहा था | देवेंद्र वर्मा जी  मुझे कह रहा था कि - आज मत जाओ, आज  हमसब  लोग साथ में यही रहते है | मै देवेंद्र वर्माजी कि बात मानता तो पूज्य सुदर्शन के अंतिम दर्शन कर पाता | यह दुःख मुझे जीवन भर रहेगा |