बुधवार, 24 मार्च 2021

एक वर्ष पूर्व - लॉकडाउन 24 मार्च 2020 से अब तक

 


आज रात 12 बजे से सम्पूर्ण देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने जा रहा है घरों से निकलने पर पूरी तरह पाबन्दी लगाया जा रहा है देश के हर राज्य को, जिले को, जनता कर्फ्यू से भी जरा  ज्यादा सख्त, करोना महामारी से बचने के लिए, हिंदुस्तान को बचने के लिए, हिंदुस्तान के नागरिकों को बचाने के लिए, एक एक भारतीय को बचाना, आपके परिवार को बचाना हैइसके लिए बड़ी आर्थिक कीमत चुकाना होगा आप देश में कही भी रहे, वही रहेयह लॉकडाउन 21 दिनों का होगा, यदि यह 21 दिन नहीं संभले, तो ये देश आपका परिवार 21 साल पीछे चला जायेगा।  अपने घरों में रहे। एक ही काम करे, अपने घर में ही रहे ... यह शब्द अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के है 

लॉकडाउन यह शब्द का परिचय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च 2020 आम लोगों को कराया था। इसका कारण यह है कि चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किया गया अंतिम प्रयास था इसके पूर्व में भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च 2020 को 14 घंटे के जनता कर्फ्यू की अपील की। दो दिन बाद यानी 24 मार्च 2020 की रात अगले दिन से देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई।

देश के इतिहास में पहली बार पब्लिक और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद कर दिया गया। सम्पूर्ण बंद, इतना तो 1947 में आजादी मिलने के बाद या 1975 आपातकाल में भी नहीं हुआ था आसमान में न हवाई जहाज थे, न सड़कों पर गाड़ियां, पटरियों पर धड़धड़ाती ट्रेनें भी थम गईं, ऐसा पहली देश में हुआ। यह लॉकडाउन उन करोड़ों मजदूरों के लिए एक सजा के ऐलान सा हो गया जो रोटी के लिए अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर प्रवास पर थे। इन लाखों मजदूरों ने पैदल ही अपने घरों की राह पकड़ ली। किसी ने बीवी को कंधे पर बैठाया तो किसी ने बच्चे को सूटकेस पर लेटाया और निकल पड़े अपने सफर पर। किसी ने एक हफ्ते में अपना सफर पूरा कर लिया तो कोई महीने भर चलता ही चला गया। सैकड़ों मजदूर ऐसे भी थे जो घरों के लिए निकले जरूर, लेकिन कभी पहुंच नहीं सके। 


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