सोमवार, 15 मार्च 2021

बाटला हाउस एनकाउंटर मामला

'बाटला हाउस एनकाउंटरमामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान को मौत की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने सोमवार को 22 पन्नों में आरिज खान की मौत का सजा लिखा। उन्होंने अपने आदेश में कहादोषी ने अपने घृणित कृत्यों से अपने जीने के अधिकार को खो दिया है। मामले में अपराध को गंभीर बनाने वाली परिस्थितियों के साथ उसे कम बताने वाली परिस्थितियों की आपस में तुलना करने के बाद अदालत इस नतीजे पर पहुंची कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है, जहां दोषी कानून के तहत मौजूद अधिकतम सजा पाने के लायक है। आरिज खान उर्फ जुनैद ने अपने घृणित कृत्यों से जीने के अधिकार को खो दिया है। उसे तब तक फांसी पर लटकाकर रखा जाए, जब तक वह मर न जाए। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी में अदालत को न तो सुधार की कोई संभावना दिखी और न उसके जीने से समाज की बेहतरी। दोषी का बिना किसी उकसावे के पुलिस पार्टी पर गोली चलाने से जुड़ा घृणित और क्रूर कृत्य अपने आप दिखाता है कि वह केवल समाज के लिए खतरा नहीं, बल्कि राज्य का भी दुश्मन है। दोषी का दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों में हुए बम धमाकों में शामिल होना, जिसमें हजारों बेकसूर लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हो गए, दर्शाता है कि वह समाज और राष्ट्र के लिए खतरा बना रहेगा।

2008 में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद से ही आरिज खान और जुबैद फरार हो गया था। तब दिल्ली पुलिस ने दो आतंकियों के भागने का दावा भी किया था। दूसरा आतंकी जुबैद भारत से भाग कर ISIS में शामिल हो गया जिसने कई TV चैनलों में इन्टरव्यू में कहा की वह भी बाटला हाउस एनकाउंटर में शामिल था। इनमें से आरिज खान को 2018 में नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। आतंकी आरिज खान को बाटला हाउस एनकाउंटर में जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर मोहन शर्मा की हत्या, धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट में दोषी पाया है। 

दिल्ली के जामिया नगर का बाटला हाउस वह इलाका जो एक संकरी गली में एल-18 मकान की 65 सीढ़ियां चढ़ने के बाद तीसरे फ्लोर पर वो फ्लैट है, जहां 19 सितंबर 2008 की सुबह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों के बीच एनकाउंटर हुआ था। उससे ठीक एक हफ्ता पहले 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में 5 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे जिसमें कुल 39 लोग मारे गए थे और 159 लोग जख्मी हुए थे। इस केस के जाँच करने में स्पेशल सेल के ATC संजीव कुमार यादव ने कहा कि इस एनकाउंटर पर उठे सवालों ने न सिर्फ पुलिस का मनोबल गिराया बल्कि इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ पुलिस की जांच के भटकने का खतरा भी पैदा किया। दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों ने राजनीतिक दबाव को स्पेशल सेल के ऊपर नहीं पड़ने दिया हमने इंडियन मुजाहिदीन नेक्सस को तोड़ दिया, इसके बाद इस प्रकार की आतंकिय घटना दुबारा नहीं हुआ 

इस बाटला हाउस इनकाउंटर के बाद देश की कांग्रेस पार्टी की सुपर प्रधान श्रीमती सोनिया गांधी जी को रात भर नींद नहीं आई। इस इनकाउंटर को फर्जी कहा था। समाजवादी नेता अमर सिंह और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी ने जामियानगर में एक मंच से कहा कि बाटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी है इसकी न्यायिक जांच की मांग की, अगर वे झूठी साबित हुईं तो वो राजनीति करना छोड़ देंगी। इस मामले में सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह के विवादित बयान सुने हैं। बाटला हाउस एनकाउंटर पर फैसला आने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सोनिया जी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और दिग्विजय सिंह ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। एक तरह से उन्होंने आतंकियों का पक्ष लिया था। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। 

उस समय कांग्रेस पार्टी की मनमोहन सिंह की सरकार थी। इस इनकाउंटर में अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर बहुत राजनीति हुई है। मानवाधिकार संगठनों ने खास समुदाय के लोगों को टारगेट करने पर दिल्ली पुलिस को कटघरे में खड़ा किया था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने सही दिशा में जाँच कर अपराधियों को सजा तक पहुँचाया। आप समझ सकते हैं कि दिल्ली पुलिस में कितने दबाव में होने के बाद में देशद्रोह को फाँसी की सजा तक पहुँचाया। 

दिल्ली पुलिस को सह्रदय से बधाई ....

अशोक चक्र से सम्मानित शहीद मोहनचन्द्र शर्मा नमन ..... 

 

 

 

 

 

 


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