बुधवार, 17 मार्च 2021

भारतीय वायुसेना का मिग 21 उड़ता ताबूत Flying coffin MIG 21



भारतीय वायुसेना का आज बुधवार को एक फाइटर विमान मिग-21 बाइसन (MiG-21 Bison aircraft) उड़ान के दौरान बुधवार को सुबह एक्‍सीडेंट का शिकार हो गया है। इसमें एयरफोर्स के ग्रुप कैप्‍टन आशीष गुप्ता शहीद हो। इस दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ शुरू की गई है। इससे होगा क्या ?

सोवियत संघ के समय का MIG 21 सुपरसोनिक लड़ाकू जेट विमान है, जिसका निर्माण सोवियत संघ के मिकोयान-गुरेविच कम्पनी ने 1954 से निर्माण किया जाता था। मिग 21 चर्चा में जब आया 27 फरवरी 2019 को भारतीय पायलट अभिनंदन ने पाकिस्तान के F 16 को मारकर गिरा दिया था। जिसे पाकिस्तान ने आज तक स्वीकार नहीं करता कि उसका F16 को भारत का 50 वर्ष पुराना मिग 21 ने मार गिरा दिया है। भारत के आईवाकस से मील डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स सिगनेचर से जो सबूत मिले है। उसे स्पष्ट होता है कि भारत का मिग 21 ने पाकिस्तान का जो अमेरिका में निर्मित 16 को मार गिराया था।

मिग-21 अपने समय का सबसे सुपरसोनिक जेट विमान था जो उस दशक 1960 में, उस समय सबसे आधुनिक और नई तकनीक से लैस था। दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने लगभग 11496 यूनिट, 60 देशों के वायु सेना में शामिल और उड़ान भरने वाला फाईटर जेट विमान था। जिससे अमेरिका भी डरता था। अमेरिका यही कोशिश कर रहा था कि उसे देखने के लिए एक मिग 21 मिल जाए। लेकिन ऐसा एक बार हुआ की इजराइल के खुफिया एजेंसी के द्वारा इराक के मिग-21 पायलट सहित इजरायल को मिला। जो इजराइल को सैनिकों और इंजीनियरिंग ने इसकी बारीकी से निरीक्षण किया इस तरीके से तोड़ निकाला की। 1969 के युद्ध में इजरायल ने सात मुस्लिम देशों के वायुसेना को हरा कर जिसके बाद वह युद्ध जीत गया था। उसके बाद अमेरिका के भी विशेषज्ञ देखें अपने समय का सबसे एडवांस निकला था। वियतनाम युद्ध में अमेरिका को एक मिग21 से लड़ने के लिए 6 लड़ाकू विमान से लड़ना पड़ता था। अमेरिका ने मिग 21 के सामने अपना कोई भी हेलीकॉप्टर नही रखता था।

भारत ने मिग-21 खरीदने के लिए 1962 में सोवियत संघ के साथ एक समझौते हुआ। अगले साल से ये विमान भारत को मिलने शुरू हो गए। 1967 में, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने सोवियत संघ से प्राप्त प्रोडक्शन एसेम्बल लाईन के तहत मिग 21 बनाना शुरू किया गया और 1985 तक इसका निर्माण किया जाता था। 1971 और 1999 में मिग 29 ने पाकिस्तान की छक्के छुड़ा दिया था। देश ने 2013 में मिग-21 के 50 साल पूरे होने पर जश्न मनाया गया। भारत ने मिग-21 खरीदने का जब निर्णय किया तब वह निर्णय सही था। लेकिन हमने जरूरत से ज्यादा 1200 के लगभग मिग-21 खरीदा। जो आज देश के लिए उड़ाता ताबूत साबित हो रहा है। धीरे धीरे 50 वर्षों में यह मिग 21 आउटडेटेड हो गया। समय के साथ जरूरतें भी बदल जाती है। मिग 21 को दुनिया के 60 देश की वायुसेना उपयोग किया करते थे। जिसमें रूस, चीन और उसके बाद भारत ही इसे अधिक मात्रा में उपयोग करता है। चीन ने भी मिग 21 को चेंगदू जे 7 के नाम से 2000 लड़ाकू जेट के उपयोग करता आ रहा है। चीन ने सोवियत संघ से मिग 21 का निर्माण का लाइसेंस ले लिया। चीन रिवर्स इंजीनियरिंग से सारे मिग-21 के स्पेयर पार्ट्स अपने देश में बनाने लगे (उसकी कॉपी करने) लगा लेकिन भारत ने ऐसा कुछ नहीं किया क्योंकि उस समय के राजनेताओं को दूर दृष्टि नहीं था आप जरूरत से ज्यादा सामान खरीदना भी एक प्रकार से भ्रष्टाचार है 1991  सोवियत संघ एक बहुत बड़ा देश था लेकिन आज वह विखंडन होकर अन्य 15 देशों में बट गया। उस समय मिग-21 स्पेयर पार्ट्स सोवियत संघ के अन्य राज्य में बनते थे विखंडत सोवियत संघ से रूस के पास मुख्य कंपनी थी। लेकिन स्पेयर पार्ट्स अन्य राज्य वह नया देश बन गए, वे अन्य नए देश बनाने से मिग 21 के स्पेयर्स पार्टस समस्या खड़ा हो गया। 

स्पेयर पार्ट की कमी के कारण अनेक जगह पर दुर्घटनाग्रस्त होकर गिरने लगे। भारत ने मिग 21 लगभग 1200 की संख्या में खरीदा जिसमें से लगभग 400 दुर्घटना ग्रस्त हुए, इसमे से 170 पायलटों की जान गई। जिससे देश का साथ-साथ एक जांबाज़ पायलट का भी इस देश को नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक जहाज गिरने से पैसा तो आ सकता है। लेकिन उस ट्रेंड पायलट जो हमने प्रशिक्षित किया है उसके निधन हो जाने से एक मानव की कमी हो जाती है। जिसको एयरफोर्स बनाने में बहुत वक्त लगता है। समय लगता है व्यक्ति मिलते नहीं है ऐसे ही।

1999 कारगिल विजय के बाद अटल बिहारी सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 127 नए विमान खरीदने का प्रस्ताव केबिनेट ने पास किया था। लेकिन 2004 के चुनाव में अटल बिहारी सरकार चुनाव में हार गई। केंद्र में कांग्रेस की सरकार ने दस साल में न तो तेजस को मंजूरी दी, न ही फ़्रांस की  राफेल ही खरीदी की। इन 20 वर्षो में भारत में दुर्भाग्यवश भारतीय सेना के लिए कोई जहाज नहीं खरीद किया। बल्कि सोनिया गाँधी के लिए इटली की कंपनी से हेलीकॉप्टरों ख़रीदा गया जो की भस्टाचार पर विवाद हो गया।

 


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