मंगलवार, 9 मार्च 2021

रोहिंग्या को वापस अपने देश म्यांमार जाना ही पड़ेगा ...


जम्मू कश्मीर प्रशासन ने जम्मू में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की बायोमेट्रिक जानकारी सहित अन्य विवरण जुटाने का काम शनिवार से शुरू कर दिया। इसके बाद जम्मू में अवैध रूप से रह रहे 168 रोहिंग्याओं को जेल भेज दिया गया है। 

जम्मू कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल रैंक अधिकारी मुकेश सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि जम्मू में अवैध रूप से रह रहे जिन आप्रवासियों के पास पासपोर्ट अधिनियम की धारा (3) के मुताबिक, वैध यात्रा दस्तावेज नहीं थे, उन्हें हीरानगर के श्होल्डिंग सेंटरश् भेजा गया है। जम्मू कश्मीर के गृह विभाग की फरवरी 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 6523 रोहिंग्या पाँच जिलों में 39 कैंप्स में रहते हैं। लेकिन एक सरकारी आकंड़ों के अनुसार रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा जिलों में रह रहे हैं। जहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हजार से अधिक की वृद्धि हुई।

जब से जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त किया है और देश में NRC तथा CAA लागू किया गया है। वहाँ जम्मू कश्मीर में हिन्दू जो 1947 विभाजन के बाद जम्मू कश्मीर में बस चुके हैं लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता नही मिली तथा अन्य राज्य से विगत 15 वर्ष या इससे पूर्व आकर रह रहे है ऐसे नागरिकों को जम्मू की नागरिकता दिया जा रहा है ऐसे में  प्रशासन अधिकारी, कर्मचारियों जो शासकीय नौकरी करने वाले या व्यवसाय करने वाले भारतीयों को भी जम्मू कश्मीर की नागरिकता दी जा रही हैं। इस सर्वे में कई स्थानों पर रोहिंग्या लोगों भी मिले जिनके पास फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड,पासपोर्ट तथा वोटर आईडी कार्ड भी मिले। जिसके बाद सरकार ने घर जाँच शुरू किया गया है। तो अब तक 168 रोहिंग्या लोग मिले जिन्हें जेल भेज दिया गया है।

रोहिंग्या म्यांमार के बांग्लाभाषी मुसलमान हैं। जो कि दुनिया के सबसे खतरनाक मुस्लिम समुदाय है। जिन्हें बांग्लादेश भी नही अपनाना चाहता है। बांग्लादेश अपने नागरिकों को रोहिंग्या से शादी करने की अनुमति नहीं देता है जबकि दोनों समुदाय मुसलमान है रोहिंग्या समुदाय को अन्य मुस्लिम देश भी नही अपनायते है। क्योंकि ये आपराधिक प्रवृत्ति के कारण इसे कोई भी देश नही चाहता है क्योंकि किसी भी देश के आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक माना जाता है। ये जहाँ भी रहते हैं वहाँ पर आपराधिक घटनाए बढ़ जाती हैं। ये लोग ड्रग्स माफिया, मानव तस्करी, वेश्यावृत्ति, देहव्यापार तथा आंतकियों घटनाओं में शामिल होते हैं। जहाँ भी जाते है अधिक बच्चे पैदा करते हैं। यहाँ तक की 14 तक की बच्चियों की शादी कर दी जाती है की अधिक से अधिक बच्चा पैदा कर जनसंख्या वृद्धि किया जाए। BBC की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बच्ची की शादी 57 साल के रोहिंग्या से किया गया, जब वह 16 साल की हुई तो उसके दो बच्चें थे। 

अब बात यह उठ रही है कि म्यांमार से चलकर हजारों की संख्या में रोहिंग्या हजारों मीलों दूर जम्मू कश्मीर में कैसे पहुँचे ? 

यह जांच का विषय होना चाहिए...




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