जब से फ्रांस से पहुंचे पांच राफेल विमान अंबाला के एयरबेस पर पंहुचा वैसे पूरा भारत स्वागत किया। बुधवार को फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाए गए इन लड़ाकू
विमानों के भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद भारत की ताकत में बढ़ गई
है। राफेल विमानों
के भारत पहुंचने के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन की चिंता भी बढ़ है।
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा जरुरतों से ज्यादा सैन्य क्षमता
जुटाना जारी रखे हुए है तथा चीन ने अपने
सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से कह रहा है राफेल एक थर्ड जनरेशन का
प्लेन जबकि हमारा J-20 फिप्ट जनरेशन का
जेट प्लेन है यह J-20 के सामने नहीं
टिकने वाला है। लेकिन पूर्व एयर चीफ बी एस
धनोरा ने चीन की J-20 की औकात बता दिया
तो चीन की बोलती बंद हो गई।
दुसरे दिन बृहस्पतिवार को
पाकिस्तान के विदेश विभाग की प्रवक्ता आयशा फारुकी ने अपने साप्ताहिक संवाददाता
सम्मेलन में कहा कि भारतीय वायुसेना द्वारा फ़्रांस से प्राप्त किए गए
राफेल विमानों से दक्षिण एशिया में परेशानी का सबब है, कि भारत अपनी सुरक्षा जरुरतों से ज्यादा सैन्य क्षमता
जुटाना जारी रखे हुए है। उन्होंने कहाकि अत्याधुनिक प्रणाली
का हस्तांतरण जहां स्पष्ट मंशा
उसे परमाणु हथियार ले जाने लायक बनाने की है, यह परमाणु हथियार
जमा नहीं करने के अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं से किए गए वादे पर सवाल खड़े करता
है। आगे कहा कि दक्षिण एशिया में
हथियारों की दौड़ के खिलाफ अपने रूख पर कायम रहते हुए, पाकिस्तान इन घटनाक्रमों के
प्रति बेखबर बना नहीं रह सकता है और वह गलत मंशा के साथ आक्रमकता
के किसी भी कदम को नाकाम करने की अपनी क्षमता के प्रति आश्वस्त है। भारत
द्वारा क्षमता से ज्यादा हथियार जुटाना पाकिस्तान के लिए भी शुभ संकेत नहीं हैं।
यह परेशान करने वाली बात है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए।
पाकिस्तान में फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन
से चार साल बाद भारत को पांच राफेल विमानों की पहली खेप प्राप्त होने के बाद खौफ का आलम बन
गया है कि इन विमानों के आने से ठीक पहले पाकिस्तान के एयरफोर्स चीफ को आर्मी चीफ
कमर जावेद बाजवा से आपात बैठक करनी पड़ी है।
ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक एक्सपर्ट को सामने रख कर
कहा कि भारत का राफेल चीन के J-20 के सामने कहीं गिनती में नहीं है। उसने बताया कि
राफेल थर्ड जेनेरेशन फाइटर जेट है और J-20 फोर्थ जेनेरेशन फाइटर जेट है जो ज्यादा आधुनिक है। भारत में राफेल आने से चीन की चिंता बढ़ी और जलनखोर ने
चीन ने जलन से कहा कि उसका J-20 भारत के राफेल से
कहीं बढ़ कर है।
फिर चीन को आइना दिखाया भारत
के पूर्व वायु सेनाध्यक्ष बी.एस. धनोआ ने तुरंत चीन के दावे
की हवा निकल दी की चीन को बता दिया कि फ्रांस में बना फाइटर जेट राफेल चीन के J-20 फाइटर जेट से कई गुना श्रेष्ठ है। चीन ने कहा आधुनिक हथियार और सीमित तकनीक के कारण राफेल की थर्ड जेनेरेशन दूसरे फाइटर जेट से तो तुलना
की जा सकती किन्तु फोर्थ जेनेरेशन के J-20 जैसे जंगी जहाज़ से
ये मुकाबला नहीं कर सका। राफेल 4.5 जेनरेशन का
गेमचेंजर है और इसके सामने चीन का फाइटर जेट जे-20 कहीं नहीं टिकता। उन्होंने कहा कि जे-20 इतना कुशल नहीं है
कि उसे फिफ्थ जेनेरेशन फाइटर जेट कहा जा सके। जे-20 का के रडार सिग्नेचर के कारण यह राफेल के लॉन्ग-रेंज
मीटॉर मिसाइल की पकड़ में बच नहीं पाता है और राफेल सुपरक्रूज है जबकि जे-20 के भीतर सुपरक्रूज़ेबिलिटी नहीं है।
1999 कारगिल विजय के बाद तत्कालीन अटल बिहारी सरकार ने भारत की वायुसेना के आवश्यकता नए जेनेरेशन फाइटर जेट खरीदने को कहा गया। लेकिन इस प्रस्ताव की अपचौरिकता पूरी होती की उनकी सरकार 2004 में लोकसभा चुनाव हार गई। तब मनमोहन सरकार ने पुरे 10 वर्ष में नये फाइटर जेट नहीं खरीद पाई। 2014 में मोदी सरकार ने फिर से वायुसेना की आवश्यकतानुसार फ़्रांस जाकर राफेल खरीदने की शुरुवात किया जिसका परिणाम की भारत ने रुस
से खरीदे गए सुखोई विमानों के पश्चात करीब 23 साल
बाद वायुसेना ने नये जेनरेशन का लड़ाकू जेट राफेल प्राप्त किया है। राफेल के भारत
पहुंचने पर सरकार, वायुसेना तथा आम लोगों में बहुत ही उत्साह था कि भारत की वायु
सेना की शक्ति जो की लड़ाकू जेट की मारक
क्षमता बढ़ गई हैं। राफेल 4.5 जेनरेशन
का मल्टी रोल कांबेट एयरक्रॉफ्ट है, जो आकाश से जमीन पर और आकाश से आकाश दोनों में
ही दुश्मन पर धावा बोलने में सक्षम है। एक बार ईधन भरने पर 10 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है।
इसकी स्पीड इतनी है कि एक मिनट में ही राफेल 60000 फीट
की उंचाई पर जा सकता है और 2130 किलोमीटर
प्रतिघंटे की रफ्तार से यह उड़ान भरने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता करीब 3700 किमी तक है। राफेल जेट मिटियोर, स्कैल्प
और बीवीआर जैसे अति आधुनिक मिसाइलों और हथियारों से लैस हैं। इसकी रडार प्रणाली भी
बेहद मजबूत है और यह परमाणु मिसाइलों के संचालन की भी पूरी क्षमता रखता है।