सोमवार, 6 सितंबर 2010

raipur me bjp ka vanvashi ke upeshh

                 आज नवभारत रायपुर के अक में छापा है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनितिन गड़करीके छगके यात्रा के समय वनवासी की उपेक्षा किया गया है . इस कारण कही वनवासी की उपेक्षित किया गया है .आज छग में बीजेपी की सरकार वनवासियों के कारण है .बस्तर और सरगुजा में वनवासियों ने अधिक मतदान कर के बीजेपी की सरकार बनवाया .लेकिन बीजेपी उनकी उपेक्षा कर रहा .अदि बनवासियोंने बीजेपी से मुह मोड़तो उसके परिणाम ठीक नहीं होगा .क्यों की २९ वनवासी सीट में बीजेपी के पास१९ सीट और चुनाव में बहुत अंतर आ जायेगा जिसका परिणाम सत्ता से बाहर हो निश्चित होगा .अब वनवासी सत्ता में सहभागिता चाहता है .इस लिये अब अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है .आज सारा वनवासी श्रेत में समस्याओं बढ गया है .उद्योगों के कारणों पलायन करने सिथिते कहो गया है .उने आपने पुरजो के जमीन से हटना पड रहा .इस बातों को लेकर वनवासी के मन सरकार के प्रति विश्वास उठ गया तो मुस्किल हो जायेग .और सरकारके लिया अब डॉ रमण सिंह को वनवासी पर जाकर ठीक सम्बिध बना चाहिए.


                नितिन जी की यात्रा में वनवासियोंके नेता की उपेक्षा किया गया है .रायपुरिया नेता से नितिन गड़करी जी घिरे थे .राजेश मडत बृजमोहन और रायपुरिया नेता ने घेर लिया था केवल प्रदेस अध्यक्ष को बोलने का मोका भी नहीं दिया गया .जिन वनवासियों के बीचसरकार है उनकी उपेक्षा क्यों किया जा रहा है .१/२ किलो चावल देकर उंको अपमान करना ठीक नहीं है .वनवासी नेता गणेशराम और नंद कुमार को यात्रा से रखना ठीक नहीं .जसपुर जिला में धर्मातरण के खिलाफ सघर्ष कर रहे . वनवासियों नेता को खतम करना कहा तक उचित होगा .आदि वनवासी नेतृत्वखत्म होगया तो बीजेपी किस आधार पर चुनाव लड़ाईगी क्यों वोट मागने वाले वनवासी नहीं होगे .मुझे याद है की संघ आव कल्याण आश्रम के कारण वनवासी में जनसाग के समय से बीजेपी के साथ में आदि इस प्रकार उपेक्षितहुआ तो मश्किल होगा .          
                                                                                       भारत माता की जय

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