गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

पत्रकार की पिटाई ...


कुछ दिन पूर्व जामा मजसिद के शाही इमाम मौलाना बुखारी बौरागये | लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस में स्थानीय उर्दू समाचार के संपादक के प्रश्न पर मौलाना बुखारी इसप्रकार नाराज हुए की जब तक उसकी पिटइ नहीं किये तब तक नहीं मने | प्रश्न  रामजन्मभूमि के मामले को लेकर रहे  था | इस के बाद कुछ पत्रकार बंधुओं ने विरोध  की तथा थाने में रिपोर्ट करवाया गया | लेकिन देश की पत्रकार जगत पता नही कहा गायब हो गया | दिल्ली में आजतक के कार्यालय पर हमला का समाचार बनाकर आजतक वालोँ ने खूब मजा कर रहे थे ,लेकिन लखनऊ में पत्रकार पिटाई पर कुछ नहीं बोले | यदि कोई हिंदू होता तो उन्हें बदनाम करने में कोइ कसर नही छोड़ | अब बात उठी है की पत्रकार पर इस प्रकार सबके सामने पिटाई पर कोई नहीं बोला ,इसका कुछ मतलब हो सकता की जिस प्रकार से इमाम बुखारी ने बात की उसको देख कर पत्रकार कर डर के मरे कुछ नहीं बोले | यहाँ पर यदि साधु संत होते सब लोग पील पड़ते | मुझे लगता है कलयुग इसे ही कहते है  |

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