मंगलवार, 31 मई 2011

ममता ने जगाई आस


ममता ने जगाई आस ....
पशिचम बंगाल में ३४ वर्षों से सी पी म  ने जो राज्य की बुरे हालत में लाकर खड़ा किया | उससे लडने के लिए कांग्रेस ने कोई भी विकल्प नहीं दे पाई है | कहा जाता है कि..जब बंगाल सोचता था तब भारत सोचना शुरू करता था | इस कहावत को सी पी म ने खत्म कर दिया | समृद्ध बंगाल को कंगाल बना दिया | सीपीएम जो कि वहाँ कि मुख्य पार्टी थी ,इस लिए उसकी जिम्मेदारी भी अधिक थी |
     कम्युनिष्ट पार्टी ने ३४ वर्षों तक बंगाल का  शोषण किया ,अब तक इतिहास में नहीं मिलता है | उन्होंने शासन प्रशासन को पंग्गु बनना दिया | इसके लिए अनेक प्रकार के  अत्याचार किये | जो उनकी बात नहीं मानी उसको रास्ते से हटा दिया | वह अपनी जान से हाथ धो बैठा | इस का मतलब आप जान सकते है | कम्युनिस्ट पार्टी के लोग कैसे कैसे अत्याचार किये होगे ,इसका उदाहरण है सिगुर कि घटना | यदि सिगुर में ममता दीदी नहीं जाती तो हमें नहीं पता चलता कि वहाँ क्या  हो रहा है | वहाँ किस प्रकार से जमीन प्राप्त करने के लिए कितनों किसानों मजदूरों की  हत्या हो गया और पता नही कितने माता व बहनों कि इज्जत समाप्त कर दिया होगा | यह एक घटना जो मिडिया के कारण हमे प्राप्त हुआ | कम्युनिस्ट ३४ वर्षों में कितनी घटनाएँ की होगी जिसका विवरण हमारे पास नहीं है | अपनी शाख बनाएँ के लिए कितनों लोगों की  जान ले लिए होगे अर्थात कितनों की हम सोच भी नहीं सकते है |
     कम्युनिस्टों ने अपना शासन बनाएँ रखने के लिए साम दाम दण्ड भेद का उपयोग करते आप –हम नहीं समझ सकते है | जब चुनाव होते तो वामपंथी कैडर के लोग अन्य विचारके लोगों को मत देने नहीँ देते है उस व्यक्ति को किसी भी हाल में मतदान केंद्र तक पहुचने नहीं देते है ,यदि वह पहुँच गया तो उसके आगे इतना भीड़ कर देते की वह मतदान नहीं कर सकता है | यह तक की पूरा प्रशासन इसी काम में लगा रहता था | दूसरी बात यह है कि... जो व्यक्ति वामपंथी के बातों को यदि नहीं मानता है तो उसे किसी प्रकार कि सहायता नहीं मिलती है | थानों में उसका कोई रिपोर्ट नहीं लिखा जाता है उसे किसी भी हालत ने पुलिस सहायता नहीं मिल सकती है | ऐसा ही हाल सब जगह था , उसे राशनकार्ड नहीं बन सकता यदि बना तो कार्ड  से राशन नहीं मिल सकता है गाँवों में पंचायत से कोई भी काम नहीं हो सकता था | सब जगह सिर्फ वामपंथियों के आदमी ही थे | यही बात धीरे धीरे सभी गाँवों में लागु था | आम बंगाली परेशान था ,करे तो करे क्या ..
    ऐसे हाल में थी बंगाल कि जनता उसे कुछ भी रास्ता नहीं दिखा रहा था ,पूरा भारत विकास कर रहा है लेकिन बंगाल में पढ़ें-लिखे युवा बेरोजगार है दूसरे राज्य जा कर मजदूरी करना पड़ा रहा है | उन्हें सम्मान कि नौकरी भी नसीब नहीं हो रही है | इधर दिल्ली में वामपंथी टीवी पर बड़े बड़े भाषण देते हुए दिखाते है ,सभी सांसद विधायक दिल्ली में बैठ कर कार्यालय में मीटिग करते एवं विज्ञप्ती जारी करते और टीवी चैनलों में जाकर अन्य सरकार विरोधी  इंटव्यू देते नहीं थकते है | इधर बंगाल कि जनता बेहाल हो रही थी |
    एक साधारण सफ़ेद  सूती साडी एवं सूती झोला लेकर दिल्ली से बंगाल तक दहाडती बंगाल कि शेरनी ममता दीदी का नाम से पूरा देश जनता है | २० वर्षों से केवल एक उदेश्य वामपंथियों कि सत्ता को उखाडकर फेकना | ममता के जीवन यही एक काम है | वामपंथियों ने ममता पर कितने बार हमला किया लेकिन वह रुकी नहीं थकीं नहीं केवल वामपंथियों के अत्याचार से लड़ती रही | वह जानती थी वामपंथी सत्ता को जनता हाथ में इतनी आसानी से देने वाले नहीं है | इन्हें इन्ही कि भाषण में जबाब देने पड़ेगा | फिर तो ममता ने उसी भाषा में जबाब देना शुरू किया | वामपंथी ममता के इस प्रकार कि जबाब से परेशान हो गए | इसी समय सिगुर कि घटना हो गयी जिसमे वामपंथी लोगों ने पता नहीं कितनों के हत्या कर ,किसानों के जमीन पर कब्जा कर लिया | सिगुर में जनता त्राहिमाम त्राहिमामा करने लगी  | ममता दीदी उनलोगों के लिए इस संघर्ष में कूद पड़ी | कम्युनिस्ट कि भाषा में जबाब मिलने से वेलोग तिलमिला गए | ममता ने गाँव-गाँव जा कर लोगों के दुःख को पूरी दुनिया के सामने लाया | इस सिगुर कि घटना ने पुरे देश को हिल्ला कर रख दिया | मजदूरों एवं किसानों के नाम से दुनिया में नेता गिरी करने वाले कम्युनिस्ट कि अत्याचार कि गाथा दुनिया के सामने आ गया |
    ममता दीदी के हिम्मत को देखा कर बंगाल की जनता को लगा की उनकी तलाश पूरी हुई | अब सिगुर गाँव की घटना ने बंगाल के इतिहास को बदल दिया | लोगों को लगने लगा की दीदी ही वामपंथियों के अत्याचार से लड़कर उनकी सत्ता को उखाड फेकेगी | वामपंथियों ने ममता के बारे में अनगल बातें करने लगे लोगों ने अब कम्युनिस्ट के बातों को सुनना बंद कर दिया | इस बार के विधानसभा के चुनाव में वामपंथियों को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया |
  बंगाल की जनता ३४ वर्षों के बाद पुनः आजादी की अहसास महसूस करने लगी है |

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