मंगलवार, 31 मई 2011

भाजपा ने ममता से कुछ सीखेगा क्या ....

         अब देश में चुनाव की तैयारी शुरू होगई है | पहले उत्तरप्रदेश का चुनाव होगे | फिर म.प.,छत्तीसगढ़ ,राजस्थान, दिल्ली, हिमाचलप्रदेश के चुनाव होगे , तब तक २०१४ आ जायेगा | तो क्या भाजपा केंद्र की सत्ता में आ  सकती है | मुझे  लगता है की भाजपा की तैयारी नहीं लगता है | इसी लिए मैने  कहा की भाजपा ने ममता से कुछ सीखा कि.. किस तरह ममता ने बंगाल में सत्ता के लिए कम्युनिस्ट से लगभग २० वर्षों से लगातार लड़ाई ही लड़ी है |
       किसी भी संगठन कि ताकत क्या है तो उस संगठन कि कार्यकर्ता की ताकत पर निर्भर करता है | अभी उत्तरप्रदेश का चुनाव होने वाला है | क्या उत्तरप्रदेश के कार्यकर्ता तैयार है क्या | क्यों की अब जनता एक पार्टी को वोट देता है ,पिछले  उत्तरप्रदेश के चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ बसपा ने सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था | तब से लगभग हर चुनाव में पूर्ण बहुमत  किसी  न किसी पार्टी  को  बहुमत मिल ही रहा है |  चाहे लोक सभा का चुनाव हो या विधान सभा के चुनाव में पूर्ण बहुमत मिल रहा है | भाजपा के कार्यकर्ता इसके लिए कोई उत्साहित नहीं दिखाते है | वही राहुलगांधी ने किसानो के साथ अपने को जोड़ दिया , धरना पर बैठे काम नहीं बना तो प्रधानमंत्री के निवास पर उन किसानों को लेकर पहुँच गयें | ऐसा भाजपा का कोई नेता नहीं किया किया तो भी केवल दिखने के लिए  तो कैसे जीतेगे उत्तरप्रदेश |
      ममता ने २० वर्षों से कम्युनिस्ट को सत्ता से बाहर करने के लिऐ लगातार सघर्ष किया | अब कोई भाजपा का नेता इतने वर्षों से संघर्ष किया तो नहीं  जबाब  नही मिलता है भाजपा के पुराने लोगो को छोड़ दे तो भी नहीं दिखता है | अटल जी अडवाणी जी के समक्ष लोगों को छोड़ दे तो | अब ममता ने सत्ता प्राप्त करने के लिए संघर्ष नहीं किया बल्कि कम्युनिस्ट को सत्ता से बाहर करने के लिए सघर्ष किया |








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