रविवार, 24 जुलाई 2011

ब्रिटेन में फोन हैकिंग पर मचा बवाल ...

ब्रिटेन में अभी मचा है बवाल मचा हुआ |१० वर्ष पहले मिली ब्राउलर की हत्या के चले मुकदमा में वर्षों के बाद बनी स्थिति ने ब्रिटेन के संसद को मामले की जाँच कारण पड़ा है |ब्रिटेन की जनता ने अपना रोष व्यक्त कर दिया है | जनता के रोष के कारण ब्रिटेन की संसदीय समिति इस मामले की स्वयं होकर जाँच कर रही है |

2002 में नौ साल पहले जब मिली डाउलर अगुवा की गई, तब वो स्कूल में थी|मिली ब्राउलर के मोबाइल से वायसमेल से कुछ मैसेज हटाये गये | मिली के घर वालों को लगा की मिली जिन्दा है ,लेकिन उसकी हत्या कर दिया गया था | गार्डियन के मुताबिक़ मिली का वॉयसमेल भर गया था लेकिन‘न्यूज़ ऑफ द वर्ल्ड’ अख़बार के एक निजी जासूस ने उसका फ़ोन हैक किया| इस जासूस ग्लेन मलकेयर ने उसके फ़ोन से कुछ संदेश हटा दिए| लेकिन तब तक उसकी हत्या एक नाइटक्लब का चौकीदार लेवी बेलफील्ड ने चुका था| पिछले महीने ही उसे हत्या के लिए दोषी पाया गया और उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई| लेकिन एक पत्रकार शॉन होर ने कह की समाचार के लिए द न्यूज़ ऑफ द वर्ल्ड के लोग फोन हैकिंग करते है |इस पत्रकार की मौत ने फ़ोन हैकिंग विवाद को और गहरा दिया है|'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' के पूर्व पत्रकार और फ़ोन हैकिंग मामले को उजागर करने वाले की मौत हो गई है| शॉन होर ने ही सबसे पहले ये आरोप लगाया था कि 'न्यूज़ आफ़ द वर्ल्ड' अख़बार के पत्रकार ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से लोगों के फ़ोन हैक कर रहे हैं|

तब पता चला की समाचार के लिए पत्रकार (मिडिया), राजनीतिक और पुलिस के साथ अपराधिकरण हो गया है | जिसके कारण मिडिया के लोग अन्य लोगों से मिलकर वह आम तथा फोन हैकिंग कर उनकी बातों को सुनते थे तथा मशाले दार खबर बना कर ब्लैकमेल करते है |शॉन होर ने बीबीसी के पैनोरमा कार्यक्रम में कहा था कि 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' अख़बार में फ़ोन हैकिंग 'एन्डेमिक' था और उस समय के संपादक एंडी कॉलसन ने ख़ुद उन्हें फ़ोन हैक करने को कहा था | एंडी कालसन को ब्रिटेश प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरन ने उसे अपना संचार प्रमुख बनाया था | इस कारण प्रधानमंत्री भी विवाद में आ गये और उन्हें दक्षिण अफ्रीका से अपना अधूरा प्रवास छोडकर वापस आना तथा ब्रिटिश संसदीय समिति में उपस्थिति हो कर जबाब देना पड़ा | मामला और तुल पकड़ चूका था तो फ़ोन हैकिंग के मामले मे लंदन के पुलिस प्रमुख सर पॉल स्टीफ़ेंसन ने इस्तीफ़ा देना पड़ा तथा 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' अख़बार के पूर्व उपसंपादक नील वैलिस को लंदन पुलिस का जनसंपर्क सलाहकार नियुक्त किए जाने के कारण ब्रिटेन के सबसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की आलोचना हो रही थी|नील वैलिस की जनसंपर्क कंपनी चैमी मीडिया ने अक्तूबर 2009 से सितंबर 2010 तक लंदन पुलिस के लिए जनसंपर्क सलाहकार की हैसियत से काम किया था|सर पॉल ने ये भी कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि फ़ोन हैकिंग मामला कितना गहरा है उन्हें भी अपने पद से इस प्रकार जाना पड़ेगा |

यह कम करने वाले मिडिया के सबसे बड़ा रूपक मर्डोक की मिडिया कॉरपोरशन करती थी | यह एक प्रकार से मिडिया का अपराधिकरण है | इसमें पूरा ब्रिटेन की मिडिया संदेह के धेरे में है |फोन हैकिंग मिली डाउलर के साथ तथा शाही राज परिवार और राजनीतिज्ञों, जानी-मानी हस्तियों,अफ़ग़ानिस्तान में मारे गए सैनिकों के परिवार जनों और हत्या का शिकार हुए लोगों के परिवार वालों के फ़ोन हैक करने के आरोप हैं. अपराध के शिकार हुए लोगों के फ़ोन हैकिंग का आरोप है| पुलिस का मानना है कि तक़रीबन 4,000 लोग इस हैकिंग का शिकार हुए होंगे |ये शिकायतकर्ता हैं पूर्व फुटबॉलर पॉल गैसकॉय, अभिनेता जूड लॉ, खेल एजंट स्काई ऐन्ड्रू, इंटीरियर डिज़ाइनर केली होप्पन और सांसद क्रिस ब्रायंट|बाद में ये सभी जानकारी मेट्रोपॉलिटन पुलिस को जासूस मलकेयर से ही मिली थीं |

यह घटना का मुख्य कारण था रूपक मर्डोक मिडिया का नीति था | जब रूपक मर्डोक ने जब मिडिया में कदम रखा और उसने मिडिया का व्यवसायकारण का दिया |यह घटना १९९० के दशक की रूपक मर्डोक के बाद जिन्होंने इनकी नकल की आज सभी का हाल यह की अपराधिक रूप में हुआ है |उसने पहले समाचार पत्र को सस्ता कर दिया था उसके घटना के लिए विज्ञापन से पूरा करते थे |विज्ञापन के इस खेल में अपने समाचार का अधिक विस्तार नीति होता है |आप की समाचार पत्र की लोगप्रियता पर होता है | लोगप्रियता बढाने के लिए संपादक और पत्रकार पर भारी दबाव रहता है सनसनीखेज खबर बनाया जाय | जिसके लिए ब्रिटेन 'न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड' ने कई अनैतिक कम किये | जब शाही परिवार की कई गोपनीय बाते समाचार पत्र में छपा तो उन्होंने पुलिस कारवाही करने को कहा | तब जाकर पता चला की मलकेयर और ‘न्यूज़ ऑफ द वर्ल्ड’ के संपादक क्लाइव गुडमैन को वर्ष 2007 में शाही परिवार के फोन टैप करने के आरोप में जेल में बंद कारण पड़ा|

लेकिन विवाद ने इतना तुल पकड़ा की इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी| न्यूज़ इंटरनेशनल रेबेकाब्रुक्स ने सीईओ पद से इस्तीफ़ा दिया था | पुलिस ने पूर्व मुख्य कार्यकारी रेबेका ब्रुक्स को फोन हैकिंग और घूस दिए जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है| रेबेका की गिरफ़्तारी में ऑपरेशन एल्वेडन टीम का भी हाथ है जो कि इसी मामले में पुलिस को घूस दिए जाने की जांच कर रही है| यह जांच स्वतंत्र पुलिस शिकायत कमीशन कर रही है|ब्रिटेन में फोन हैकिंग का मामला काफ़ी गंभीर मोड़ ले चुका है और इसी कारण न्यूज़ ऑफ द वर्ल्ड नामक 168 वर्ष पुराने अख़बार को बंद करने का फ़ैसला किया गया| जिस समय फोन हैकिंग से जुड़े फैसले किए थे उस समय रेबेका ही अख़बार की संपादक थीं | इस घटना ने ब्रिटिशों जनता को उग्र आंदोलित कर दिया की पुलिस पत्रकार और पोलटिसीयन ने जो गठजोड़ हुआ वह उचित नहीं है | इस प्रकार की जनता के दबाव के आगे ब्रिटिश संसद ने बिशेष सत्र बुलाकर प्रधानमंत्री को अपना बचाव कारण पड़ा तथा खुद रुपर्ड मार्डोक को अपने बेटे के साथ आकार क्षमा मांगना पड़ा है | उसने कहा कि -मैं और मेरा बेटा यहाँ आप सबके लिए, संसद के लिए और ब्रिटेन की उस जनता के लिए बड़े आदर का भाव लेकर आए हैं | ये मेरी ज़िंदगी का सबसे लाचारी भरा दिन है| जो कुछ भी हुआ,मैं फ़ोन हैकिंग का शिकार हुए सभी लोगों को बताना चाहता हूँ कि मैं कितना शर्मिंदा हूँ| माफ़ी माँगने से जो हुआ उसे नहीं बदला जा सकता, फिर भी, मैं उनकी निजता के भयानक उल्लंघन के लिए उनसे माफ़ी माँगना चाहता हूँ |

ब्रिटिश जनता ने अपने देश में पत्रकारिता कि मूल्यों का बचाने का काम किया क्या हम भारतीय लोग पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों को बचाने कि कोशिश करेगे |

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