शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

मुकेश अम्बानी की जियो और फेसबुक के बीच बड़ी डील, शेयर मार्केट लंबी छलाग


कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लॉकडाउन के बीच आर्थिक संकट से गुजरते हुए, लेकिन इसी बीच अच्छी और बड़ी खबर आई कि - देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो और सोशल मीडिया की अग्रणी कंपनी पेसबुक के बीच सबसे बड़ी साझेदारी हुई। सुबह की यह खबर पर मुकेश अंबानी ने आकर मिडिया को यह जानकारी दी। वैसे ही रिलायंस कंपनी के सारे शेयर के साथ एक महीने से नीचे से ऊपर शेयर बाजार उठ खड़ा हुआ।

इस डील पर फेसबुक और जियो के बीच 14 महीनों से तैयारी की जा रही थी। फेसबुक ने जियो में निवेश के लिए 43574 करोड़ रुपए का खर्च कर कंपनी में 9.9 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। इस समझौते को लॉकडाउन के बीच दुनिया का सबसे बड़ा डील माना जा रहा है। जहां इस समझौते से जियो की वैल्यूएशन बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा तो वहीं रिलायंस जियो खुद को कर्जमुक्त करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ सकेगा।

गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

कोरोना के योद्धा स्वास्थ्य कर्मियों से दुर्व्‍यवहार तो होगी जेल


भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तीन बजे मीडिया में आकर कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुव्र्यवहार का दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को तीन महीने से 5 साल तक के लिए जेल भेजा जा सकता है,  50,000 से 2 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य कर्मियों को गंभीर शारीरिक नुकसान पहुंचाने पर दोषी को छह महीने से लेकर 7 साल तक के लिए जेल भेजा जा सकता है और 1 लाख से 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। एंबुलेंस और स्वास्थ्यकर्मियों की परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर दोषी व्यक्ति को इनकी कीमत का दोगुना मुआवजा भरना होगा। कानून में संशोधन के अनुसार आरोपी के खिलाफ जांच 30 दिन के भीतर पूरी कर ली जाएगी और अंतिम निर्णय एक साल के अंदर आ जाएगा।
इस खबर के बाद देश में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ा क्योंकि आये दिन देश के विभिन्न भागों स्वास्थ्य कर्मियों, डॉक्टर, और पुलिस पर कोरोना की जाँच करने जाने पर आइसोलेजन किये जाने के बाद कुछ विशेष लोगों के द्वारा मारपीट दुर्व्यवहार किये जाने की शिकायत आने लगी जीके बाद सरकार ने कठोर कार्यवाही करने का फैसला लिया है  

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

देशवासियों के सुझाव पर लॉकडाउन 3 मई तक प्रधानमंत्री मोदी जी ने घोषणा की -



आज सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की देशवासियों और मुख्यमंत्रियों के सुझाव को ध्यान में  रखते हुए  लॉकडाउन 3 मई तक बढाया जा रहा है अभी तक लॉकडाउन ही करोना वायरस से लड़ने का सबसे सव्र्शेष्ठ तरीका है। क्योंकि अभी तक कोरोना वायरस से बचने के लिए कोई भी दवाई का अविष्कार नहीं हुआ भारत में कोरोना वायरस  लेकर 25 अप्रेल से लॉकडाउन किया गया है इसका परिणाम है कि भारत अभी यूरोप और अमेरिका जैसे गंभीर स्थिति में नहीं पहुँचा है। प्रधानमंत्री ने वेद के वाक्य का उद्घोषित किया कि  वयं राष्ट्रे जागृयाम - हम सभी राष्ट्र को जीवंत और जागृत बनाए रखेंगे। 

लॉकडाउन घोषित होने के बाद 28 मई को तमिलनाडु पुलिस के द्वारा जाँच में पता चला की निजामुद्दीन दरगाह के पास इस्लामिक संस्था तबलीगी जमात का मरकज़ में 2300 से अधिक लोग रुके हुए है उनमे से एक व्यक्ति जो तमिलनाडु का था, जो घर पहुँचते ही कोरोना वायरस से गसित था उसकी मौत हो गई है। जिन व्यक्ति मरकज से संबध तो कोरोना गर्सित होने पर पुलिस जाँच शुरू की, तथा जम्मूकश्मीर तथा तेलंगाना से मौत की खबर ने पुरे देश को हिला दिया।  इसी बीच इस्लामिक संस्था तबलीगी जमात का मरकज़ के मौलाना का तकरीर वारल होने लगा की मरना है तो मस्जिद से अच्छा जगह क्या हो सकता है कोरोना तो मुसलमानों को मस्जिद में आने से रोकना है इसे हम नहीं मानेगे ऐसा ही यु-तुबे पर रिकार्डिंग चलने इसका हेतु या था की मुसलमान इस लॉकडाउन को नहीं माने और मस्जिद में जाकर नमाज पढ़े       



शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

इस्लामी धार्मिक संस्था तबलीगी जमात ने फैला दिया covid19 देश भर में


हजरत निजामुद्दीन ( औलिया ) दरगाह के पास ही इस्लामी धार्मिक संस्था तबलीग़ी जमात ने लॉकडाउन के पूर्व दिल्ली के अपने मुख्यालय में एक बड़े सम्मलेन का आयोजन किया था दिल्ली पुलिस और प्रशासन को खबर मिली तो सभी के हाथ पैर फुले की कोरोना वायरस के बीच ये सम्मलेन कराना एक भारी भूल थी  इससे पूरे समाज को कोरोना वायरस से प्रभावित होने का ख़तरा पैदा हो गया है। यह आशंका सही साबित हो रहा है, लगभग 9 हजार लोगों ने तबलीगी जमात के सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसमें  हजारों विदेशी लोग इंडोनेशिया, मलेशिया , गल्फ देशों से भी लोग शामिल हुए थे इन्ही लोगों विदेशी लोगों के माध्यम से 15 दिनों में हजारों तबलीगी के द्वारा पुरे भारत में फैल गया है।  तबलीग़ी जमात के माध्यम से, उन्होंने देश के हर कोने में कोरोना बम लगाए हैं, अगर वे अपने मक़सद में क़ामयाब हो जाते हैं तो यह देश पर अब तक का सबसे बड़ा जिहादी हमला साबित होगा, निज़ामुद्दीन में जमात के हज़ारों लोगों का जमा होना, जिनमें कई विदेशी तबलीगी जमात के लोग भी शामिल थे जो भारत भर से मस्जिदों से उमड़ रहे हैं और जिनमें कोरोना वायरस के कई मामले हैं ये कुछ और नहीं बल्कि कोरोना जिहाद द्वारा भारत को बर्बाद करने की एक कोशिश है

  
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेंगलुरु में होने वाली तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक बेंगलुरु में 15 से 17 मार्च को कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण स्थगित कर दिया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने यहां ट्विटर पर कहा- महामारी कोविड-19 की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के निर्देशों और परामर्श के प्रकाश में बेंगलुरु में होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक को स्थगित किया जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सभी स्वयंसेवकों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जागरुकता लाने और इस चुनौती का सामना करने के लिए शासन-प्रशासन का सहयोग करें। 

संदर्भ यह है कि भारत में WHO के गाइड लाईन के अनुसार की भारत में भी कोरोना वायरस फैल सकता है। इसलिए भारत सरकार ने बार बार एद्वाजरी जारी किया कि 200 से ज्यादा नहीं इकठ्ठा होना है। कुछ दिन बाद भी 50 से अधिक नहीं होना चाहिए फिर 5 लोगों से ज्यादा एकत्रित नहीं हो।  इस सूचना का अक्षर से पालन करते हुए। अपनी सबसे बड़ी बैठक तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक को स्थगित कर दिया। लेकिन कुछ और लोग है कहते है कि मोदी सरकार या भारत सरकार जो भी कहेगा उसका विरोध करेगें। जैसे शाहीन बाग में धरना जारी रखा था धरना में शामिल खातून कहते देखा गया कि कोरोना तो कुरान से निकला है हम मुसलमानों को कोरोना नहीं हो सकता। दिल्ली में सरकार ने धारा 144 लागू होने के बाद भी शाहीन बाग का धरना खत्म नहीं हुआ तो 24 मार्च को अचानक दिल्ली पुलिस ने धरना के तम्बू को उखाड़ फेका तथा विरोधियों को गिरप्तार किया।