शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

इस्लामी धार्मिक संस्था तबलीगी जमात ने फैला दिया covid19 देश भर में


हजरत निजामुद्दीन ( औलिया ) दरगाह के पास ही इस्लामी धार्मिक संस्था तबलीग़ी जमात ने लॉकडाउन के पूर्व दिल्ली के अपने मुख्यालय में एक बड़े सम्मलेन का आयोजन किया था दिल्ली पुलिस और प्रशासन को खबर मिली तो सभी के हाथ पैर फुले की कोरोना वायरस के बीच ये सम्मलेन कराना एक भारी भूल थी  इससे पूरे समाज को कोरोना वायरस से प्रभावित होने का ख़तरा पैदा हो गया है। यह आशंका सही साबित हो रहा है, लगभग 9 हजार लोगों ने तबलीगी जमात के सम्मेलन में शामिल हुए थे। इसमें  हजारों विदेशी लोग इंडोनेशिया, मलेशिया , गल्फ देशों से भी लोग शामिल हुए थे इन्ही लोगों विदेशी लोगों के माध्यम से 15 दिनों में हजारों तबलीगी के द्वारा पुरे भारत में फैल गया है।  तबलीग़ी जमात के माध्यम से, उन्होंने देश के हर कोने में कोरोना बम लगाए हैं, अगर वे अपने मक़सद में क़ामयाब हो जाते हैं तो यह देश पर अब तक का सबसे बड़ा जिहादी हमला साबित होगा, निज़ामुद्दीन में जमात के हज़ारों लोगों का जमा होना, जिनमें कई विदेशी तबलीगी जमात के लोग भी शामिल थे जो भारत भर से मस्जिदों से उमड़ रहे हैं और जिनमें कोरोना वायरस के कई मामले हैं ये कुछ और नहीं बल्कि कोरोना जिहाद द्वारा भारत को बर्बाद करने की एक कोशिश है

  
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेंगलुरु में होने वाली तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक बेंगलुरु में 15 से 17 मार्च को कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण स्थगित कर दिया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने यहां ट्विटर पर कहा- महामारी कोविड-19 की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के निर्देशों और परामर्श के प्रकाश में बेंगलुरु में होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक को स्थगित किया जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सभी स्वयंसेवकों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जागरुकता लाने और इस चुनौती का सामना करने के लिए शासन-प्रशासन का सहयोग करें। 

संदर्भ यह है कि भारत में WHO के गाइड लाईन के अनुसार की भारत में भी कोरोना वायरस फैल सकता है। इसलिए भारत सरकार ने बार बार एद्वाजरी जारी किया कि 200 से ज्यादा नहीं इकठ्ठा होना है। कुछ दिन बाद भी 50 से अधिक नहीं होना चाहिए फिर 5 लोगों से ज्यादा एकत्रित नहीं हो।  इस सूचना का अक्षर से पालन करते हुए। अपनी सबसे बड़ी बैठक तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की वार्षिक बैठक को स्थगित कर दिया। लेकिन कुछ और लोग है कहते है कि मोदी सरकार या भारत सरकार जो भी कहेगा उसका विरोध करेगें। जैसे शाहीन बाग में धरना जारी रखा था धरना में शामिल खातून कहते देखा गया कि कोरोना तो कुरान से निकला है हम मुसलमानों को कोरोना नहीं हो सकता। दिल्ली में सरकार ने धारा 144 लागू होने के बाद भी शाहीन बाग का धरना खत्म नहीं हुआ तो 24 मार्च को अचानक दिल्ली पुलिस ने धरना के तम्बू को उखाड़ फेका तथा विरोधियों को गिरप्तार किया। 



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