शनिवार, 16 जुलाई 2022

I2U2 की प्रथम सम्मलेन में भारत की कृषि में बड़ा निवेश

 

I2U2 की प्रथम सम्मलेन 

अरब देशों में अमेरिका के इब्राहिम एकॉर्ड के बाद नया I2U2 चार देशों के समूह की  प्रथम वर्चस्व सम्मेलन सपन्न हुआ। अरब देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने था भारत को कृषि क्षेत्र में प्रभाव और तकनीक से उत्पादन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। देखा जाए तो नए तरह का यह नया क्वाड हो सकता है। लेकिन अभी इस विषय में बात करना थोड़ा जल्दबाजी हो सकता है। रसिया और यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने अन्य देशों को अनाज देकर जो मदद किया है इससे विश्व में एक संदेश भी गया है कि खाद्य पदार्थों के मामले में भारत ही चीन को जबाब दे सकता है।

I2U2 का मतलब दो ( I ) आई इंडिया और इजरायल तथा (U) यू का मतलब अमेरिका और संयुक्त अमीरात 4 देशों का समूह मिलकर बनाया गया है इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाईडन इजरायल के प्रधानमंत्री या या लाफिट संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद जावेद अल्लाह आनी भी हिस्सा ले इस प्रथम समिति में सकारात्मक सहयोगात्मक नए वॉइस मैसेज वैश्विक नेताओं के बीच में एक ऊर्जा के साथ रोडमैप तैयार करना संयुक्त रूप से आने वाली चित्र में चुनौतियों से लड़ा जा सके आईटेल करना 18 अक्टूबर 2021 को 4 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में तय की गई थी इस में से प्रत्येक देश संयुक्त प्रत्येक देश सहयोग के संभावित क्षेत्रों को लेकर नियमित रूप से चर्चा करते रहें इसके बाद जिसके बाद I2U2 का गठन हुआ यह गठबंधन मुख्यतः क्षेत्रों पानी उर्जा परिवहन अंतरिक्ष स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा में संयुक्त निवेश को प्रसन्न करने के लिए बनाया गया है इन क्षेत्रों में निजी पूंजी निवेश के जरिए ढांचागत क्षेत्रों में आधुनिकरण उद्योगों के लिए न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन वाले उपाय सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार नवीनतम एवं प्रदूषण रहित प्रौद्योगिकी के विकास के लिए काम किया जाएगा

I2U2 पश्चिमी क्वाड की वर्चुवल बैठक हुई जिसमें 3 बड़े निर्णय लिए गए...

1.. भारत के मध्यप्रदेश और गुजरात मे UAE $2 बिलियन डालर का निवेश कर कई फ़ूड पार्क बनाएगा जिसकी तकनीकी इजरायल और अमेरिका देगा। इन फ़ूड पार्कों में सरंक्षित केले, हरी सब्जियां, आम, पपीता, अंडे, चावल, मशाले, चाय पत्ती आदि का निर्यात खाड़ी के देशों में कर खाड़ी के देशों की फ़ूड सिक्योरिटी सुरक्षित की जाएगी। इसके फलस्वरूप भारत के किसानों की आय दुगनी तो होगी ही, लगभग 2.25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।

2..भारत को अक्षय ऊर्जा का वैश्विक ऊर्जा केंद्र बनाने के लिए प्रथम कार्य के रूप में गुजरात में अक्षय ऊर्जा (सौर एवं पवन) वाला 300 मेगावाट का बैटरी स्टोरेज सिस्टम स्थापित किया जाएगा, इसकी तकनीक एवं पूंजी अमेरिका की ट्रेड एवं डेवेलपमेंट एजेंसी कराएगी।

 

3.. इजरायल के सबसे बड़े हैफा बन्दरगाह का संचालन भारत के अडानी समूह को दे दिया गया।

हम और आप कह सकते हैं कि इन सबके कारण भारत का कद और सम्मान विश्व में और बढ़ गया है।

 

भारत अब हिन्द प्रशांत क्षेत्र के क्वाड में आस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका के साथ है, तो I2U2 में पश्चिमी क्वाड में UAE, अमेरिका और इजरायल के साथ है। HU देशों की बैहको में भी भारत को पिछले कई वर्षों से बुलाया जा रहा है।

भारत अब इंद्र शान महाक्षेत्र के वार्ड में ऑस्ट्रेलिया जापान अमेरिका के साथ है तो आईटी यूट्यूब में पश्चिम कोर्ट में यूएई अमेरिका इजराइल के साथ हैं अमेरिका ने पिछले वर्षों में अरब देशों में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए इस तरह का नया स्वरूप बनाने का प्रयास कर रहा था जैसा कि अपराहन ए कोर्ट में किया इसराइल को कई अरब देशों के साथ मिलकर शांति स्थापित किया जाए इस अब्राहम एयरपोर्ट के तहत अमेरिका सफल हो गया इस स्थान पर भारत की भी एक भूमिका होनी चाहिए इसके लिए भारत भी तैयार है जैसा कि भारत में कृषि क्षेत्र के विकास हेतु निवेश और नए संसाधन तकनीक भी मिलेगा जो भारत के विकास में अहम योगदान देगा

 


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