मंगलवार, 13 सितंबर 2011

लिव इन रिलेशन में नाकाम होने पर सुसाइड !




      लिव-इन-रिलेशनशिप के कारण  पूर्व  भारतीय वायु सेना की पहली महिला फ्लाइंग ऑफिसर अंजलि गुप्‍ता आत्‍महत्‍या कर ली | यह हमारे सामने नए समाज का रूप दिखाई दे रहा है की अपने स्वार्थ के लिए एक आदमी और स्त्री जो बिना विवाह के साथ रहते उसका परिणाम आखिर आत्‍महत्‍या करना पड़ा है | आखिर अंजली को अपने प्रेमी के घर जाकर आत्‍महत्‍या क्यों करनी पड़ी | 6 वर्ष पूर्व यौन उत्‍पीड़न के मामले को लेकर चर्चा में आई सबसे पहली फ्लाइंग ऑफिसर अंजलि गुप्‍ता के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि एयर फोर्स के ग्रुप कैप्‍टन अमित गुप्‍ता ने अंजलि को शादी करने का झांसा दे रहा था तथा अंजली अमित गुप्ता के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप के साथ रही और अमित से शादी करना चाहती थी लेकिन अमित गुप्ता अपने पत्नी से तलाक लेकर शादी का झांसा दे रहा था | अंजली के मना करने के बाद अमित गुप्ता अपने लडके की सगाई में जाने के बाद  तनाव में आने के बाद अंजलि ने आत्‍महत्‍या कर ली है। अमित गुप्ता के बाहर जाने के बाद घर पर कोई हलचल न होने पर आसपास के लोगों ने पुलिस में शिकायत की तथा पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंजली पंखे पर दुपट्टा से लटकी हुई मिली |

     आज के नए दौर में तथा आधुनिक के नाम पर जो नये संम्बध लडके और लड़की में बन रहे उसका परिणाम यह अंजली की तरह हो रहा है | यह अंजली के मामला नही अनेक मामले है फरवरी माह की 11 तारीख को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की पार्किग में एक लावारिस बैग में एक युवती का शव बरामद किया गया था। उसकी गला रेत कर हत्‍या कर दी गई थी। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को यह सुराग घटना के 13 दिन बाद मिला जब मां-बाप में नीतू की शिनाख्‍त कर ली । जब शव की शिनाख्‍त नहीं हो सकी तो पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार करवा दिया था। घटना के लगभग 13 दिन बाद पिता करतार सिंह ने फोटो के आधार पर युवती की पहचान अपनी बेटी नीतू सोलंकी के रूप में की। उन्‍होंने बताया कि नीतू डीयू से स्नातक के बाद एलएलबी किया था। नीतू के पिता ने बताया कि उन्हें काफी सालों बाद  उन्‍हें पता चला कि नीतू नवादा निवासी राजू गहलौत के साथ रह रही है। यह बात  भी सामने आई कि नीतू के संपर्क इससे पहले कई अन्य लड़कों से भी थे। राजू गहलौत  के दोस्त नवीन ने खुलासा किया कि 11 फरवरी को सुबह पांच बजे राजू ने उसे फोन कर नीतू  की हत्या की बात बताई थी। राजू ने नीतू सोलंकी का शव ठिकाने लगाने के लिए उससे गाड़ी भी मांगी थी। लेकिन किसी वजह से वह गाड़ी लेकर नहीं पहुंच पाया।  जिसके बाद वह शव को एयरबैग में डालकर किसी वाहन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंच पार्किंग एरिया में शव को छोड़कर फरार हो गया।  अब भोपाल की सड़क पर तीन अगस्त को टीवी सीरियल प्रतिज्ञा में रोली की भूमिका निभा रहीं कलाकार सहरीश खान और उनके प्रेमी जहांगीर खान के बीच मारपीट हुई थी। इस घटना के बाद से दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सहरीश ने जहां जहांगीर को  सिर्फ मित्र करार दिया है, वहीं जहांगीर का आरोप है कि उसके सहरीश के साथ लिव-इन रिलेशन है। जहांगीर का कहना है कि कई माह से मुम्बई में  दोनों साथ रह रहे हैं और जल्दी ही शादी करने वाले थे। वहीं सहरीश का कहना है कि उसका एमएमएस जबरिया बनाया गया है। वह यह स्वीकार करती है कि जहांगीर कुछ समय उनके साथ मुम्बई में जरूर रहा है, लेकिन वह उसका सिर्फ मित्र है लिव-इन रिलेशन नहीं है। यहां महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि दोनों नाबालिग हैं। सहरीश 17 और जहांगीर 18 वर्ष का है।  इस प्रकार के ढेर सारे लोगों की समस्या आ रही है | जो मिडिया के द्वारा अब सामने आ रहा है |

      इन सब बातों पर पिछले वर्ष उच्चतम न्यायालय ने कठोर टिप्पणी की है कहा है कि अगर कोई महिला किसी पुरूष के साथ एक रात व्यतीत करती हौ उसके बाद अगर वो व्यक्ति उस महिला के साथ नौकरों जैसा व्यवहार करता है तो सिर्फ इस आधार पर वो उस व्यक्ति से मुआवजे की मांग नहीं कर सकती है। क्योंकि मुआवजा केवल पत्नी को मिल सकता है, और कोर्ट की नजर में स्त्री-पुरूष का ये संबध वैवाहिक नहीं है।  उस समय कोर्ट के फैसले में (कीप) रखैल  शब्द का प्रयोग किया गया था। इस पर  दिसंबर 2010 में महिला दक्षता समिति ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अपील में कोर्ट से 'कीप' (रखैल), 'वन नाइट स्टैंड' और 'सर्वेंट' (जैसे शब्दों को टिप्पणियों से हटाने की मांग की थी। संगठन की दलील थी कि इस तरह के शब्द महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक हैं।  न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू और न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की पीठ ने महिला दक्षता समिति की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि संगठन को फैसले पर सवाल उठाने का कोई कानूनी हक नहीं और वह उस वैवाहिक मामले में पक्ष नहीं थी जिस पर यह फैसला दिया गया। देश की एकमात्र महिला अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह और समिति की उपाध्यक्ष विनय भारद्वाज ने'अपमानजनक टिप्पणी"को हटाने से उच्चतम न्यायालय के इंकार करने पर निराशा प्रकट की है। यह सब बात उच्चतम न्यायालय समझ रहा है की आने वाले समय इन लोगों से होने वाले संतानों का क्या होगा | आज न्यायालय में संतानों के माता पिता के लेकर न्यायालय ने प्रत्येक संतान के पिता और माता का नाम तुरंत लिखा जाता है | यहाँ तक की स्कुल में प्रवेश के समय प्रत्येक बच्चोँ के नाम के साथ माता और पिता का नाम अनिवार्य से लिखा का आदेश दिया था की न्यायालय बच्चोँ के माता पिता के विवाद अधिक रूप से आ रहा था | इस प्रकार की नए समस्या के हाल के लिए भारत आम लोग क्या हाल निकलते है | 

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