शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगा..... फ्रास


सड़क पर नमाज पढना मँहगा पड़ा सकता है फ़्रांस की सरकार ने मुसलमानों को मुसला बिछाकर नमाज पढने पर प्रतिबंध लगा दिया है अभी पुरे देश में बुर्का पर फ़्रांस की सरकार ने लगा दिया था अब नमाजियो पर भी ऐसा प्रतिबंध लगाया है इसका श्रेय राष्ट्रपति सरकोजी को जाता है की फ़्रांस में सड़क के नमाजियो को प्रतिबंध गया |

फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने कई बार  कहा है कि वो चाहते हैं कि एक ऐसा नया क़ानून बनाया जाए जो मुस्लिम महिलाओं को बुर्क़ा या नक़ाब पहनने से रोके फ़्रांस मेंबुर्का पहनना स्वीकार्य नही है, क्योंकि बुर्का पहनने वाले एक कैदी के सामान है तथा समान्य सामाजिक जिंदगी से वंचित रहती है और अपनी पहचान कई मोहताज रहती है मेरे  ख़याल में बुर्क़ा या नक़ाब पहनना फ्रांस की धर्मनिर्पेक्ष जीवन शैली से मेल नहीं खाता है कि फ्रांस में महिलाओं के चेहरों को ढका जाना सहन नहीं किया जा सकता और उन्होंने क़ानून के ज़रिए बुर्क़ा या नक़ाब पर पाबंदी लगाने की हिमायत की है अपनी बातों के पक्के होने के कारण पुरे देश में एक इसके लिए अनुकूल माहौल बनाया | फ़्रांस में पूरी जनसख्या के १० से ज्यादा मुसलमानों कई संख्या है तथा वहाँ पर २००० से अधिक महिलाओं बुर्का पहती थी संसद में प्रतिबंध के बाद कोई भी महिला बुर्का पहनती है तो उसे १५० यूरो का अर्थ दंड देना पडता है फ़्रांस ने प्रतिबंध लगाने के बाद अनेक यूरोपीय देश बुर्का पर प्रतिबंध लगा दिए है फ़्रांस में धार्मिक चिन्हों पर प्रतिबंध पहले से लगा हुआ है इस लिए वहाँ सिक्खो पर पगड़ी सार्वजनिक स्थान पर प्रतिबंध है कुछ वर्ष पूर्व तीन सिक्ख बच्चो को विद्वालय  से निकल दिया गया था |

आज यूरोप कट्टरवाद के कारण परेशान होगया है | जहां पर मुस्लमान कई संख्या बढती है तो सामाजिक मतभेदों के कारण तनाव बढ़ जाता है | अभी अभी ब्रिटेन में दंगा जो पुरे देश में फैल गया था वहाँ पर स्थानीय लोगों को लगता है इनके आने के बाद उन्हें सांप्रदायिक भावना बिगड़ती है वर्तमान यूरोप इस नये समस्या से जूझ रहा है फ़्रांस के जनता यह महसूस कर रही है कई आने वाले समय के लिए यह एक खतरा है और  देर हुआ तो स्थिति गंभीर हो सकती है इस लिए इन सब बातों के कारण फ़्रांस ने समय रहते ही सड़क पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया | लेकिन किसी भी प्रकार से धर्म को मानने वाले को  कोई कठिनाई न हो इसके लिए उन्होंने फ़्रांस के खाली पड़े बैरक में नमाज पढने की व्यवस्था की | एक प्रकार से यह सन्देश जाये की फ़्रांस की सरकार इस्लाम विरोधी नही है |


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