गुरुवार, 19 जनवरी 2017

ममता बनर्जी मुस्लिम वोटबैंक में अंधी हो चुकी ?


उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को कोलकाता में रैली की अनुमति देकर पुलिस और ममता सरकार को नसीहत दी। 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन संघ ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रैली करना चाहता था। लेकिन राज्य सरकार के इशारे पर कोलकाता पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। जिसके बाद संघ ने कलकत्ता हाईकोर्ट से अनुमति की माँग की। संघ ने हाईकोर्ट को बताया कि संघ के द्वारा मकरसंक्राति का उत्सव प्रतिवर्ष मनाया जाता है। संघ बंगाल में 1939 से कोलकाता में भी काम कर रहा हैं। लेकिन आज तक पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया है लेकिन किसी के इशारे से हमें रोका जा रहा है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने संघ को मकर संक्रांति उत्सव पर अपना कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी। वही कलकत्ता पुलिस को फटकारते हुआ पुलिस आयुक्त को कोर्ट ने शो काज नोटिस भी देकर दो सप्ताह के अंदर हलफनामा देकर जबाब माँगा है।
इस खबर से जहाँ हिंदुओं में उत्साह आ गया। पिछले कई दिनों से बंगाल के कई हिस्सों से मुसलमानों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है। लेकिन ममता सरकार उचित कार्यवाही दूर मुसलमानों को उकसाया जा रहा हैं। इसका मतलब है कि मुस्लिम वोट बैंक को ममता अपने साथ रखना चाहती है। लेकिन मुस्लिम वोट बैंक किसी भी पार्टी के नहीं है। पहले कांग्रेस के साथ थे फिर कम्युनिस्ट पार्टी के साथ लेकिन आज ममता के साथ है। अगर मौका लगा तो अगली बार भाजपा के साथ हो जायेगी।

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