गुरुवार, 30 मई 2019

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण में बंगाल के हिंसा के शिकार कार्यकर्त्ताओं के परिवार को आमंत्रित -


#कार्यकर्त्ता 
अपने संगठन के उद्देश्यों के अनुसार निष्ठा से विचार के प्रवाह को अधिक व्यक्ति तक पहुँचने वाला, अपने जैसा अन्य व्यक्ति को भी बनना। कार्यकर्ता यानी कि बनो और बनाओ ।
बात है कि लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी ने बहुमत के साथ वापसी हुई है। इस बार बंगाल के चुनाव में सबसे ज्यादा हिंसा हुई जिसमें में भाजपा के 80 कार्यकर्ताओं का हत्या हो गई है।
मोदी ने इसबार उन परिवारों को अपने शपथ ग्रहण कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। इससे आने वाले समय में समर्पित कार्यकर्ताओ का सम्मान तथा आने वाले समय में बंगाल के चुनाव में इसका लाभ भी मिलेगा।

मंगलवार, 28 मई 2019

नवीन पटनायक 5 वी बार मुख्यमंत्री उड़ीसा के


Naveen Patnaik
ओड़िसा के 14 वे मुख्यमंत्री के रूप में 5 वी बार शपथ लेने जा रहे हैं। बीजू पटनायक के पुत्र के साथ उनकी मेहनत के कारण मोदी लहर में भी दूसरी बार तथा 5वी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे है।
डॉ रमन सिंह तथा शिवराज सिंह तथा अन्य मुख्यमंत्री को भी नवीन पटनायक से सीखना चाहिए था। कि किस प्रकार उन्होंने अपने पिता श्री के सपना भ्रष्टाचार मुक्त उड़ीसा हो। इसलिए अब तक एक भी भ्रष्टाचार के आरोप भी नही है। दूसरा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों की बनना और निगरानी रखा भी तथा सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अपनी पार्टी तथा प्रशासनिक अधिकारियों में ताल मेल ( समन्वय स्थापित) ठीक से होना।
बीजू पटनायक के निधन के बाद उनकी विरासत को बीजू जनता दल नाम से पार्टी बनाई। भाजपा के साथ गठबंधन कर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। उड़ीसा में 2000 के विधानसभा चुनाव में 14 वे मुख्यमंत्री बने। अबतक 5वी बार मुख्यमंत्री बन रहे है।


सोमवार, 27 मई 2019

वाराणसीपुर पतिं भज विश्वनाथम-


वाराणसीपुर पतिं भज विश्वनाथम-
कहा जाता है कि देवों के देव महादेव है। कैलास पर्वत के बाद इनकी प्रिय नगरी काशी ही है। काशी यानी बनारस बोले तो भगवान विश्वनाथ कहा जाता है।
आज अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वाराणसी के देव बाबा विश्वनाथ मंदिर में जाकर पूजन अर्चन करेंगे। वैसे आज भी भारत और हिन्दू संस्कृति की राजधानी काशी ही है। जहाँ हजारों वर्षों से सनातन संस्कृति, वैदिक परंपरा, द्वैत, अद्वैत अन्य पंथ आदि विचारों पर चर्चा होती रही है। आज भी वेदपाठशालाओं में ऋचओ स्त्रोतो का वाचन और अभ्यास होता है। प्राचीन काल प्रत्येक विद्याथियों की शिक्षा प्राप्त करने हेतु काशी पहली प्राथमिकता होती थी। जिससे यहां से शिक्षा प्राप्त करने वाले लोग धर्म संस्कृति का प्रचार किया करते थे। इसलिए अटक से लेकर कटक, केदारनाथ से लेकर रामेश्वर तक पूरा भारत एक है। इस एकात्म रूप में भारत को एक रूप में संजोने का महत्वपूर्ण कार्य यही के विद्यार्थियों ने हजारों वर्षों से किया है।

#NarendraModi
#Kashi #Banars
#वाराणसीपुर_पतिं_भज_विश्वनाथम-
  😇🙏✌️🇮🇳

#NaMoThanksKashi
 #ModiInVaranasi #KashiVishwanath

शनिवार, 25 मई 2019

नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य था, लोकसभा चुनाव 2019 कों जीतना

जीवन को यशस्वी कैसे बनाये, इसके लिए अपना लक्ष्य खुद से बनना होता है। लोकसभा चुनाव 2014 में नरेन्द्र मोदी ने पूर्ण बहुमत से अपनी नई सरकार बनाई। उसी समय से अपना अगला लक्ष्य तय कर लिया था कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में फिर_से_मोदी_सरकार बनाना है। अपने को बड़ा करो यानी खुदी को कर बुलंद की खुदा भी पूछे बता तेरी रजा क्या है ?

पहला काम किया कि अपने विश्वनीय व्यक्ति अमित शाह को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाया। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी की आंतरिक मामले... तथा पार्टी के NDA गठबंधन के प्रपंच मुक्ति मिली। इससे नरेन्द्र मोदी को सरकार चलाने के लिए पर्याप्त समय, प्रशासनिक अधिकारियों पर नियंत्रण, जिससे योजनाओं को बनाने तथा कियान्वयन पर पूरा ध्यान दिया। मोदी सरकार ने जनहित की योजना बनाई और इन योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने की कोशिश हुई जैसे जनधन योजना, उज्ज्वल योजना, स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, नोटबंदी, आदि योजनाओं क्रियान्वयन करने के लिए समय मिला। परिणाम अब सबके सामने आ गया है।

अमित शाह ने पूरे देश में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के बाद प्रवास बनाया। सभी प्रदेश टीम को सक्रिय कर जिला से लेकर बूथ तक टीमवर्क पुनः खड़ा करना तथा सभी पदाधिकारियों को प्रवास के दौरान, एक रात्रि विश्राम के साथ प्रवास जिसे खुद भी पालन किये। दूसरा बात की नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को पता था कि जिन राज्यों में अधिकतम सीट मिली है। 2019 के चुनाव में मुश्किल होगा। इसलिए नए राज्यों की ओर अपनी संगठन को मजबूत करना भी था। ऐसा ही योजना बनाकर पूर्वोत्तर भारत, साथ ही बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु में फोकस किया जहां पार्टी की जनाधार काम था । 2019 के लोकसभा के चुनाव में परिणाम वैसा ही आया। अमित शाह पर कमेंट करते हुए रवीश कुमार ने अपने प्राइम टाइम में कहा कि दिल्ली के नगर निगम के परिणाम के बाद अमित शाह तमिलनाडु के तीन दिन के दौरे पर है उसके बाद तीन दिन बंगाल के दौरे करने जाने वाले है।

इसलिए मोदी ने पूरे पांच साल लगातार अपने सरकार की प्रचार मतलब की लोकसभा चुनाव 2019 की प्रचार प्रसार प्रतिदिन करते रहे। नये राजनीति के विद्यार्थियों के लिए एक नया संदेश है कि अब नेता को अपनी सरकार की योजना, पार्टी के विचार, अपनी बात प्रतिदिन प्रचार करना पड़ेगा। अब जनता नानी के घर जाने वालों को हमेशा के लिए नानी के घर भेज देगी।

शनिवार, 4 मई 2019

1999 में उड़ीसा में भयानक तूफान सुपर साइक्लोन -

आज से 22 वर्ष पूर्व 1999 में ऐसा ही तूफान उड़ीसा में आया था। इस तूफान को सुपर साइक्लोन नाम दिया गया था। उस तूफान की खौफ आज भी लोगों में है, जिन्होंने ने देखा है। भारत में 100 वर्षो में भी इतना भयानक तूफान नहीं आया था। इस तूफान ने लगभग 9,658 मारे गए 18 हजार करोड़ की सम्पति का नुकसान हुआ यह सरकारी आकड़े थे, लेकिन और भी अधिक जान माल की हानि हुआ था।

उस समय उड़ीसा में कांग्रेस की जानकी वल्लभ पटनायक की सरकार थी। उस तूफान में दस हजार लोग मारे गए थे तथा लाखों लोगों को बेघर हो पड़ा था। यहाँ तक की खेतों तालाबों में मरे हुए मानव, जीवों तथा पशुओं की लाशें तैरते हुए नजर आती थी। तूफान आने से खाने पीने की सभी पदार्थ खराब हो जाते है, यहां तक की पीने का पानी भी साफ नही मिलती है। घर मकान के छप्पर उड़ गए जिससे घर में उपयोगी सामान कपड़े लते भी खराब हो गये। इतना वीभत्स रूप में नुकसान हुआ था कि प्रलय का मंजर ही चारों तरफ दिखता था।

उस समय मोबाइल चालू ही हुआ था। लेकिन तूफान में बेकार ही था। सारे लैड लाइन फोन बेकार हो गये। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री जानकी वल्लभ पटनायक के पास एक सेटेलाइट फोन था। जिससे दिल्ली को खबर किया गया तथा केंद्र सरकार से मदद मांगी गई। लेकिन कुछ लोगों के पास प्राइवेट वारयलेस रेडियो था। जिससे मौके पर मदद तथा सूचनाएं भेजकर सहायता पहुँचाया गया था। सरकार को राहत कार्य हेतु सूचना प्राइवेट वायरलेस रेडियो ने की थी। यहाँ तक की भुवनेश्वर के तत्कालीन कलेक्टर ने अपने परिवार को पहले सुरक्षित स्थान पर पहुचा जिसकी बहुत आलोचना हुआ, बाद में राज्य सरकार ने हटा दिया था।

आज सरकार जागरूक क्योंकि #ModiHaiToMumkinHai ने गुजरात में भूकंप के कारण समझते कि जनता की कठिनाई। अपने चुनाव प्रचार को रोककर #fani के आतंक से बचने के लिए सरकार द्वारा राहत और बचाव की तैयारी की जानकारी और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर जान माल की हानि से बचाया है। सरकारें और भी रही थी लेकिन उत्तराखंड की बारिश ने जो तबाही मचाई उसे देख है।  

यह घटना आज भी मुझे याद है-
क्योंकि राहत हेतु राशन तथा कपड़े संग्रह का कार्य उस समय रायपुर में किया था तथा संघ कार्यालय जाग्रति मंडल रायपुर से ट्रकों में भरकर भेजा जाता था।
इस बार भारत सरकार ( NDRF) और उड़ीसा सरकार ( SRC Odisha )  ने तैयारी अच्छी तरह किये कि लक्ष्य रखा जीरो केजुवलटी।
तूफान के रास्ते में आने वाले ग्रामीण और शहरी स्थानों में रहने वालों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचना तथा दवा और भोजन पानी का समुचित व्यवस्था लगभग 10 लाख लोगों कि व्यवस्था किया गया है।
एन डी आर एफ की 28 यूनिट तथा उड़ीसा राहत और बचाव दल के 20 यूनिट तथा चिकित्सा कि 302 यूनिट की तैयार रखा गया है, साथ ही सेना वायुसेना तथा तट रक्षा दल को पूरी तैयारी के साथ है।  


Post Ramashanker Pandey