शनिवार, 4 मई 2019

1999 में उड़ीसा में भयानक तूफान सुपर साइक्लोन -

आज से 22 वर्ष पूर्व 1999 में ऐसा ही तूफान उड़ीसा में आया था। इस तूफान को सुपर साइक्लोन नाम दिया गया था। उस तूफान की खौफ आज भी लोगों में है, जिन्होंने ने देखा है। भारत में 100 वर्षो में भी इतना भयानक तूफान नहीं आया था। इस तूफान ने लगभग 9,658 मारे गए 18 हजार करोड़ की सम्पति का नुकसान हुआ यह सरकारी आकड़े थे, लेकिन और भी अधिक जान माल की हानि हुआ था।

उस समय उड़ीसा में कांग्रेस की जानकी वल्लभ पटनायक की सरकार थी। उस तूफान में दस हजार लोग मारे गए थे तथा लाखों लोगों को बेघर हो पड़ा था। यहाँ तक की खेतों तालाबों में मरे हुए मानव, जीवों तथा पशुओं की लाशें तैरते हुए नजर आती थी। तूफान आने से खाने पीने की सभी पदार्थ खराब हो जाते है, यहां तक की पीने का पानी भी साफ नही मिलती है। घर मकान के छप्पर उड़ गए जिससे घर में उपयोगी सामान कपड़े लते भी खराब हो गये। इतना वीभत्स रूप में नुकसान हुआ था कि प्रलय का मंजर ही चारों तरफ दिखता था।

उस समय मोबाइल चालू ही हुआ था। लेकिन तूफान में बेकार ही था। सारे लैड लाइन फोन बेकार हो गये। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री जानकी वल्लभ पटनायक के पास एक सेटेलाइट फोन था। जिससे दिल्ली को खबर किया गया तथा केंद्र सरकार से मदद मांगी गई। लेकिन कुछ लोगों के पास प्राइवेट वारयलेस रेडियो था। जिससे मौके पर मदद तथा सूचनाएं भेजकर सहायता पहुँचाया गया था। सरकार को राहत कार्य हेतु सूचना प्राइवेट वायरलेस रेडियो ने की थी। यहाँ तक की भुवनेश्वर के तत्कालीन कलेक्टर ने अपने परिवार को पहले सुरक्षित स्थान पर पहुचा जिसकी बहुत आलोचना हुआ, बाद में राज्य सरकार ने हटा दिया था।

आज सरकार जागरूक क्योंकि #ModiHaiToMumkinHai ने गुजरात में भूकंप के कारण समझते कि जनता की कठिनाई। अपने चुनाव प्रचार को रोककर #fani के आतंक से बचने के लिए सरकार द्वारा राहत और बचाव की तैयारी की जानकारी और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर जान माल की हानि से बचाया है। सरकारें और भी रही थी लेकिन उत्तराखंड की बारिश ने जो तबाही मचाई उसे देख है।  

यह घटना आज भी मुझे याद है-
क्योंकि राहत हेतु राशन तथा कपड़े संग्रह का कार्य उस समय रायपुर में किया था तथा संघ कार्यालय जाग्रति मंडल रायपुर से ट्रकों में भरकर भेजा जाता था।
इस बार भारत सरकार ( NDRF) और उड़ीसा सरकार ( SRC Odisha )  ने तैयारी अच्छी तरह किये कि लक्ष्य रखा जीरो केजुवलटी।
तूफान के रास्ते में आने वाले ग्रामीण और शहरी स्थानों में रहने वालों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचना तथा दवा और भोजन पानी का समुचित व्यवस्था लगभग 10 लाख लोगों कि व्यवस्था किया गया है।
एन डी आर एफ की 28 यूनिट तथा उड़ीसा राहत और बचाव दल के 20 यूनिट तथा चिकित्सा कि 302 यूनिट की तैयार रखा गया है, साथ ही सेना वायुसेना तथा तट रक्षा दल को पूरी तैयारी के साथ है।  


Post Ramashanker Pandey

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