
पहला काम किया कि अपने विश्वनीय व्यक्ति अमित शाह को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाया। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी की आंतरिक मामले... तथा पार्टी के NDA गठबंधन के प्रपंच मुक्ति मिली। इससे नरेन्द्र मोदी को सरकार चलाने के लिए पर्याप्त समय, प्रशासनिक अधिकारियों पर नियंत्रण, जिससे योजनाओं को बनाने तथा कियान्वयन पर पूरा ध्यान दिया। मोदी सरकार ने जनहित की योजना बनाई और इन योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचने की कोशिश हुई जैसे जनधन योजना, उज्ज्वल योजना, स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, नोटबंदी, आदि योजनाओं क्रियान्वयन करने के लिए समय मिला। परिणाम अब सबके सामने आ गया है।
अमित शाह ने पूरे देश में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के बाद प्रवास बनाया। सभी प्रदेश टीम को सक्रिय कर जिला से लेकर बूथ तक टीमवर्क पुनः खड़ा करना तथा सभी पदाधिकारियों को प्रवास के दौरान, एक रात्रि विश्राम के साथ प्रवास जिसे खुद भी पालन किये। दूसरा बात की नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को पता था कि जिन राज्यों में अधिकतम सीट मिली है। 2019 के चुनाव में मुश्किल होगा। इसलिए नए राज्यों की ओर अपनी संगठन को मजबूत करना भी था। ऐसा ही योजना बनाकर पूर्वोत्तर भारत, साथ ही बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु में फोकस किया जहां पार्टी की जनाधार काम था । 2019 के लोकसभा के चुनाव में परिणाम वैसा ही आया। अमित शाह पर कमेंट करते हुए रवीश कुमार ने अपने प्राइम टाइम में कहा कि दिल्ली के नगर निगम के परिणाम के बाद अमित शाह तमिलनाडु के तीन दिन के दौरे पर है उसके बाद तीन दिन बंगाल के दौरे करने जाने वाले है।
इसलिए मोदी ने पूरे पांच साल लगातार अपने सरकार की प्रचार मतलब की लोकसभा चुनाव 2019 की प्रचार प्रसार प्रतिदिन करते रहे। नये राजनीति के विद्यार्थियों के लिए एक नया संदेश है कि अब नेता को अपनी सरकार की योजना, पार्टी के विचार, अपनी बात प्रतिदिन प्रचार करना पड़ेगा। अब जनता नानी के घर जाने वालों को हमेशा के लिए नानी के घर भेज देगी।
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