शनिवार, 16 मार्च 2019

न्यूजीलैंड की शांतिप्रिय धरती पर आंतक

न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में एक व्यक्ति ने रायफल से हमला कर 50 लोगों कि मौत के घाट उतर दिया। न्यूजीलैंड के पुलिस कमिश्नर माइक बुश ने कहा कि हमले में 50 लोगों की मौत हो गई है। करीब 48 लोग गोली लगने से घायल हैं, जिनका इलाज क्राइस्टचर्च हॉस्पिटल में किया जा रहा है। वह हमलावर जनता था, कि शुक्रवार के दिन नमाज पढ़ने के लिए सब लोग मस्जिद एकत्रित होते है। सबसे बुरी बात यह है कि वह हमला किया है, तब से फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग भी करता रहा, जिसे फेसबुक ने हटा दिया है। यह एक प्रकार का आतंकी घटना है। इस घटना का मैं दुःख व्यक्त करता हूँ। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च के 2 मस्जिदों में हुए, इस कि घटना से मानवता के लिए खतरा मंडराने लगा है।


दुसरे दिन न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिद में भारी खूनखराबे के पीछे की कहानी साफ हो गई कि, हमलावर ने मुसलमानों से बदला लेना चाहता था। इसलिए न्यूजीलैंड जैसे बहुत ही शांतिप्रिय देश को चुना है। यहां तक स्थानीय पुलिस के पास भी गन नहीं होती है। अमेरिका से ठीक उल्टा यहां से फायरिंग की घटनाएँ बिल्कुल नहीं होती हैं। इसलिए न्यूजीलैंड के पुलिस अफसर भी गन कम ही रखते हैं।


बाद में जाँच में पता चला कि वह ऑस्ट्रेलिया का 28 वर्षीय नागरिक ब्रेंटन टैरंट है। इसने गोलीबारी से पहले मैनिफेस्टो में लिखा था कि उसे प्रवासियों से सख्त नफरत है। यूरोप में मुसलमानों द्वारा किए गए हमलों से वह काफी गुस्से में था, इसलिए बदला लेना चाहता था। ऐसा कर वह डर का माहौल पैदा करना चाहता था। इस घटना पर एक दिया जा रहा जिससे इस्लामोफोबिया का नाम दिया जा रहा है। दुनिया में चर्चा का बिषय चल पड़ा है कि इस्लामोफोबिया पर।   

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