जब से केंद्र में भारतीय जनता
पार्टी की नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी है। ऐसे में जम्मू कश्मीर सहित देश अन्य भागों
में आतंकिवादियों लोगों की खैर नहीं है। ऐसे में चाहे पुर्वोत्तर भारत में म्यांमार से
संचालित आतंकी हो या माओवादी हो और कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकिय क्यों न हो। 2014 से ही
इन आतंकियों लोगों दमन की करवाई बहुत तेज हो गया। कश्मीर में आये दिन कोई न कोई
आतंकी मारा जाता वहा पर तैनात सुरक्षा बलों ने लिस्ट बनाकर आतंकवाद का सफाया किया
जा रहा था। लेकिन इसी बीच 14 फरवरी 2019 कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर पाकिस्तानी
आतंकियों ने हमले किया। पुलवामा आतंकी हमला की आज दूसरी बरसी है इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने ऐसा बदला लिया कि उसे
याद करते ही आज तक पाकिस्तान कांप उठता है।
पुलवामा आतंकी हमला 14 फरवरी
2019 को हुआ था जब 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर जा
रहा था। ये काफिला अवंतीपोरा के पास लेथीपोरा में नेशनल हाइवे 44 से गुजर रहा था।
दोपहर करीब 3.30 बजे 350 किलो विस्फोट से भरी एक एसयूवी काफिले में घुसी और भयंकर
धमाका हुआ। जिस बस से एसयूवी टकराई उसके परखच्चे उड़ गए। उस बस में सवार ब्त्च्थ्
के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस खबर से पूरा देश दहल गया। सभी राजनीतिक दलों के
नेताओं और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने इस हमले की निंदा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
लोगों की भावनाओं से खुद को जोड़ते हुए कहा था कि जैसी आग आपके भीतर जल रही है, वैसी ही मैं भी अपने सीने में महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने पाकिस्तान को कठोर चेतावनी दी कि हर आंसू का बदला लिया जाएगा। उन्होंने
भारतीय सेनाओं को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी। अमेरिका समेत दुनिया के कई
देशों ने इस हमले की आलोचना की थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें