आज भारत सरकार की कूटनीति और कठिन हालात लदाख सीमा के बार्फिले क्षेत्र में डटे भारतीयों सेना के जवानों के शौर्य की बदौलत पिटे मुह से चीनी सेना अब पैंगोंग झील से उल्टे पैर वापस लौटने लगा है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि बुधवार से सेना की वापसी शुरू हो गई है। भारत ने इस बातचीत में कुछ भी नहीं खोया है। हम अपनी एक इंच जमीन किसी को भी नहीं लेने देंगे हमारे संकल्प के कारण यह फल मिला है कि चीनी सेना पैगॉन्ग लेक के दक्षिणी और उत्तरी इलाके से हटने लगी है। चीनी सरकार ने भी कहा है कि बुधवार से कि पैगॉन्ग लेक के दक्षिणी और उत्तरी इलाके से भारत-चीन की सेना ने डिसइंगेजमेंट की प्रोसेस शुरू कर दी है। चीन की सरकार मीडिया ने बुधवार को दावा किया कि लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत के साथ 10 महीने से चल रहा टकराव खत्म हो गया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जब देश को यह जानकारी दी उस समय सदन में पीएम नरेंद्र मोदी और गैलरी में आर्मी चीफ मुकुंद नरवणे भी मौजूद थे। भारत और चीन के बीच 24 जनवरी को 9वें राउंड की बातचीत 15 घंटे चली थी। उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन और भारत के बीच सेना की वापसी का समझौता हुआ है। चीन की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के स्पोक्सपर्सन वू कियान ने बताया कि चीन और भारत के बीच हुई कमांडर लेवल की 9वें दौर की बातचीत में डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी थी। इसके तहत ही दोनों देशों ने अपने सैनिकों को पैंगॉन्ग हुनान और नॉर्थ कोस्ट से पीछे हटाना शुरू कर दिया है। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय का बयान आया। स्पोक्सपर्सन वांग वेनबिन ने कहा कि रूस में हुई बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्री इस मसले का हल निकालने पर राजी हुए थे।
भारत और चीन के बीच 24 जनवरी को 9वें राउंड की बातचीत 15 घंटे चली थी। इसमें भारत ने कहा था कि विवाद वाले इलाकों से सैनिक हटाने और तनाव कम करने के प्रोसेस को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब चीन पर है। इस दौरान दोनों पक्ष कोर कमांडरों की 9वें दौर की बातचीत जल्द करने पर भी सहमत हुए थे, ताकि सैनिकों की वापसी का काम तेज हो सके। पेंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ हुए समझौतों में चीन की सेना उत्तरीय किनारे में फिगर 8 के पूर्व दिशा की ओर रहेगा। वही भारत की सेना फिगर 3 के पास अपने धन सिंह थापा पोस्ट पर रहेगा। चीनी सेना इस दौरान जो भी निर्माण किया है, उसे भी हटाना होगा। इन सारी कारवाही के 48 घंटे बाद पुनः वरिष्ठ कमांडर स्तरीय बातचीत होगी जो बचे हुए मुद्दें पर बातचीत होगी।
2019 में चीन से फैला करोना वाइरस पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया। इसी समय पूरी दुनिया में चीन का विरोध होने लगा। कई देशों में दिनदिनों में करोना वाइरस के कारण जन और आर्थिक हानि होने लगी। भारत सहित कई देशों में लाकडाउन लगाना पड़ा था। इसी समय कई देश मांग करने लगे की कोरोना वाइरस की जाँच हो की इस वाइरस को फैलाने में चीनियों का हाथ है। इस मुद्दे पर भारत सरकार भी सहमत है, की WHO कोरोना वायरस की जाँच करे। चीन इस मौका का फायदा उठाकर भारत के कुछ क्षेत्र में घुसने की कोशिश किया। चीन और भारत की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में पिछले साल अप्रैल-मई से आमने-सामने हैं। 15 व 16 जून 2020 को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे तथा चीन के भी 80 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन अब चीन ने स्वीकार नहीं किया की उसके भी सैनिक मारे गए है। अमेरिका द्वारा लिए गए सेटेलाइट से चित्र से पता चला की कई बार चीनी सेनाओं से वहा से घायलों को ले जाने के लिए गाड़ी और एयरलिप्त किया गया है।
चीन और भारत की सेना कई बार बातचीत हुई लेकिन सहमति नहीं बनी। वही भारत ने धीरे धीरे चीन के साथ आर्थिक प्रतिबन्ध लगाने शुरू किये। चीन के सामानों का भारत में जोरदार विरोध होने लगा, जनता के मांग को भारत सरकार ने माना और चीनी APP को प्रतिबन्ध लगा दिया, इससे चीन को बहुत ही आर्थिक नुकसान होने लगा। कोरोना वायरस के कारण जापान और अमेरिका की कई कम्पनी चीन से अपना कारोबार बंद कर भारत तथा कई देशों में जाने लगे। इससे चीन को बहुत ही आर्थिक नुकसान होने लगा है। भारत ने चीनी सामानों पर प्रतिबन्ध काम आया चीन भारत के सामने घुटने के बल पर आ गया है।
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