शेखर कपूर के प्रायोजित “प्रधानमंत्री”
शेखर
कपूर द्वारा “प्रधानमंत्री” नामक सीरियल ABP NEWS समाचार
चैलन द्वारा दिखया जा रहा है | तीसरे अंक में कश्मीर के बिषय पर दिखाया गया | इस
कार्यक्रम के अबतक दिखे गये अंक में नेहरूजी को प्रोजेक्ट किया जा रहा है | इससे
लगता है कि प्रधानमंत्री नाम का कार्यक्रम प्रायोजित है | ऐसा लगता है कि कांग्रेस
की सरकार ने अपनी छवि सुधारे हेतु प्रायोजित किया गया है | इससे फायदा यह होगा कि
लोगो के मन में नेहरु और गाँधी के प्रति विश्वास बना रहे | जो सोशल मिडिया ने बिगड़
दिया है | दुसरे लोगो पर आसानी से कीचड़ उछाला जा सके जैसे – महाराजा हरिसिंह के
ऊपर उछाला गया है | कहा गया कि हरिसिंह अपना अधिक समय बाम्बे के रेस कोर्स में या
रियासत के जंगलो में शिकार करने में बिताते थे | ऐसे अनेक बाते को बोलने के लिए
वरिष्ठ पत्रकार ऍमजे अकबर के द्वारा कहलाया गया | वरिष्ठ पत्रकार ऍम जे अकबर एक मुसलमान
है, वे कैसे कह सकते है की महाराजा ने हरिसिंह अच्छे आदमी है |
महाराजा हरिसिंह जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा लन्दन में आयोजित गोलमेज कॉन्फरेंस
में भारत के राजवाड़े के सामने पहली बार भारत कि पूर्ण स्वन्त्रतता कि बात कही थी |
यह बात अंगेजो के मुह पर एक तमाचा था | इस बात के कारण अंग्रेज महराजा से नाराज हो
गये | अंग्रेजो ने किसी भी कीमत पर जम्मू कश्मीर को महाराजा के हाथो में सत्ता
नहीं देना चाहते थे |१९४७ में माउन्टबेटन महाराजा से मिलने श्री नगर गये,वे अकेले
में मिलना चाहते थे | महाराजा हरिसिंह अंग्रेजो कि चाल को समझते थे इसलिए माउन्टबेटन
से नहीं मिले |
शेखअब्दुल्ला अंग्रेजो का नाजायज औलाद था | अंग्रेजो ने केवल शेख
अब्दुल्ला से एक काम करता रहा महाराजा हरिसिंह जी के खिलाफत करते रहो | सफल हुए तो
कश्मीर के राजा बनायेगे| १९४६ में अब्दुल्ला ने महाराजा का विरोध शुरू किया , जगहजगह पर
मुसलमानों को महाराजा के खिलाफ भड़का शुरू किया और महाराजा हरिसिंह कश्मीर छोड़ो के
नारे लगाने लगे | हिन्दू राजा कैसे, मुसलमानों पर राज कर रहा है | महाराजा के खिलाफ विद्रोह कर दिया | कुछ स्थानों
पर मुसलमानों ने हिंदूओ कि घरो पर हमला कर दिया | महाराजा ने परिस्थितियों को
ध्यान में रख कर शेख अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया |
शेखअब्दुल्ला ने नेहरु तक खबर पहुचाया कि किसी तरह मुझे जेल से छुड़ाया
जाये | नेहरु ने महाराजा को कहा कि अब्दुल्ला कि छोड़ दिया जाये | लेकिन महाराजा
अब्दुल्ला कि चल को समझते इसलिए नेहरु के कहने के बाद भी अब्दुल्ला को जेल से नहीं
रिहा किया | इस बात को नेहरु ने जीवन भर अपना अपमान समझते रहे,प्रधानमंत्री बनते
ही अपनी रोष कश्मीर के महाराजा के प्रति दिखाया, जो आज भी भारत के लिए नासूर बन
गया है | महाराजाहरिसिंह जी को शेख अब्दुल्ला को सत्ता देने के लिए मजबूर कर दिया |१९५०
में महाराजा हरिसिंह को नेहरु ने अपमानित करके जम्मू कश्मीर छोड़कर मुम्बई में आखरी
समय तक रहना पड़ा | नेहरू ने जिन समस्या में हाथ लगा था आज भी वह सब भारत के लिए
नासूर बना हुआ है |
सरदार पटेल ने महाराजा हरिसिंह को जानते एवं समझते थे | सरदार पटेल के
कहने पर महाराजा ने प्रधानमंत्री रामचन्द्र काक को हटाकर पंजाब के न्यायाधीश मेहरचन्द्र
महाजन को प्रधानमंत्री बना था | क्योंकि अब्दुल्ला,रामच्रद्र काक और जिन्ना के साथ
गुप्त वार्ता हो चूका था | नेहरु ने जानबूझकर जम्मू कश्मीर का मामला अपने पास में रखा कि महाराजा को अपमानित
करना था | महाराजा हरिसिंह नेहरु के कारण भारत में विलय नहीं चाहते थे | नेहरु और
अब्दुल्ला के रिश्ते को जानते रहे | भारत में विलय के बाद जो स्थिति होगी महराजा हरिसिंह
जानते थे | आज भी नेहरु के कारण कश्मीर एक समस्या के रूप में दुनिया देखता है | पाकिस्तानी
सेना( कबलाई कहा जाता है ) ने कश्मीर पर हमला कर दिया | जम्मू कश्मीर की जनता कि
भलाई के लिए महाराजा हरिसिंह ने २६ अक्तूबर १९४७ में नि;शर्त भारत में विलय कि
घोषणा पत्र लिख दिया | सरदार पटेल ने तुरत सेना भेजकर श्रीनगर को बचा लिया और
कबलाई को भागन शुरू किया | धीरेधीरे पाकिस्थान सेना कबलाई के कदम उखड गये, आधी
इलाका पर भारतीय सेना ने कब्ज़ा कर लिया | कुछ दिनों कि बात थी लेकिन नेहरु ने
कश्मीर मामले को सयुक्तराष्ट्र संघ में सुलझने ले गये, जो आज तक नहीं हुआ |
शेखरकपूर यदि इतने इतिहासकार है, तो इन सब बातो को क्यों नहीं शामिल
किया | शेखअब्दुल्ला इतना ही अच्छा था, तो नेहरु ने जनसंघ के राष्ट्रीय नेता श्री श्यामाप्रसाद
मुखर्जीकी हत्या के बाद शेखअब्दुल्ला की सरकार को बर्खास्त कर जेल में क्यों डाला |
शेखअब्दुल्ला का मतलब सिद्ध हो गया | कश्मीर के सत्ता मिलते ही अपनी मुसलमानी रंग
दिखने लगा | भारत से अधिक स्वायत लेने लगा | हिंदूओ के ऊपर होते अत्याचार को देखकर
जनसंघ राष्ट्रीय नेता ने देश भर में आन्दोलन शुरू किया | श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने
कश्मीर में एक निशान ,एक प्रधान, एक विधान नामक आन्दोलन छेड़ दिया | कश्मीर में
प्रवेश हेतु परमिट सिस्टम का विरोध कर कश्मीर गये | अब्दुल्ला की सरकार ने
श्यामाप्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार जेल में उनकी हत्या किया गया | इस पर नेहरु के
खिलाफ देश भर में आन्दोलन शुरू हो गया | अपनी छवि ख़राब होते देख नेहरु ने
अब्दुल्ला को जेल भेज दिया | आज भी जम्मू कश्मीर की समस्या वही है, शेख अब्दुल्ला
के खानदान जमू कश्मीर में राजपाठ चला रहे है,महाराज हरिसिंह कि संतान कर्ण सिंह
काग्रेस के नेता होते हुए वनवास है | ये कैसा प्रधानमंत्री का कार्यक्रम बना है
स्पष्ट हो रहा है |
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