शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

क़िस्तवाड में यह कैसा ईदी
अभी कश्मीर  में पाकिस्तान के सैनिक के द्वारा जवानों की हत्या का मामला अभी गर्म था। इससे पहले रामबन में बहुसख्यक समुदाय ने सीमा सुरक्षा बल पर हमला किया, इसके बाद कई दिनों तक हिसा होती  रही। रामबन का मामला शात नही हुआ कि किष्तवाड में अल्पसंख्यक हिन्दूओं के घरों ,दुकानों पर बहुसंख्यक मुसंलमानों द्वारा हमला किया गया। जिसमें कई अल्पसंख्यक हिन्दूओं की हत्या एवं घरो,दुकानों लूटपाट किया है। किष्तवाड़ में जो सप्रदायिक हिसा (दंगा) से पूरे जम्मू कश्मीर में आग लग गया है। यदि घटना की गंभीरता को देखते हुए सुबह ही इसे रोका गया होता तो यह आग पूरे जम्मूकश्मीर में नही लगती । इस घटना का जितना भी निदा किया जाये वह कम है।
ईद उल फितर के अवसर पर मुसलमानों के द्वारा एक माह (रमजानका महीना) से रोजा (उपवास) रखा जाता है । जब चांद देख लोग ईद मनाया जाता है। सभी मुसलमान अमीर हो या गरीब वह ईद के दिन मसजिद में जाकर नमाज पढाकर यह त्यौहार मनाते है। यह महीना बहुत पवित्र माना जाता है। जम्मु के किश्तवाड़ शहर में इस दिन बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय हजारों की संख्या में लोग सुबह एकत्र हुए। स्थानीय मसजिद में हजारों मुसलमानों से अधिक लोगों ने नमाज अदा किया । नमाज के बाद एक दूसरे को बधाई दिया जाता है, लोग ईद मनाते है । बडे बुजुर्गो द्वारा बच्चों को तोफा दिया जाता है लेकिन बहुसंख्यक मुसलमानों द्वारा अल्पसंख्यक हिन्दूओं को दंगा रूपी ईदी दिया है। जैसे मसजिद से बाहर निकलते हिन्दूओं के दुकानों पर हमला शुरू कर दिया। सैंकडों लोग मसजिद से निकलते ही ईट,पत्थरों ,लाठी, लोहे के राड से हिन्दूओं के दुकानों घरों पर हमला  हुआ। बहुसंख्यक मुसलिम समुदाय द्वारा अचानक हुआ हमला से अल्पसंख्यक हिन्दूओं  समझ नही पाय । कोई भी समाज अपने त्यौहार पर खुषी मानते है नेक इरादा रखते है। किष्तवाड़ के मुसनमानों जो किया किस भी धर्म इसकी अनुमति नही देता है।
अल्पसंख्यक हिन्दूओं पर अचानक हुऐ हमला से संभाल नही है जिसमें कई हिन्दूओं की हत्या किया गया। दुकानो को लुटा गया और दुकान में आग लगा दिया। आखिर हिन्दू तो कहां जाये पुलिस हाथ पर हाथ धर कर बैठे हुऐ थे। क्योकि स्थानीय विधायक ने वही डेरा जामाये हुऐ और इस हमला की नेतृत्व तैयारी में लगे रहे। जो राज्यगृहमंत्री होते हुऐ हिन्दूओ के रक्षा के लिए नही बल्कि, मुसलमानों को भडका रहे थे। इस घटना में भाजपा का कई कार्यकर्ता  घयाल हो गये । भाजपा के पूर्व किश्तवाड़ जिला अध्यक्ष कैप्टन (सेवानिवृत्त) हूकूमचंद शामिल हैंे जिन्हे गंभीर चोट लगाने से घायल हो गये । दोपहर तक जिला प्रषासन और पुलिसप्रषासन की निक्रियता के कारण भाजपा ने अपने राश्ट्र नेताओं को घटना की गंभीरता कि सुचना दिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह जी तुरत प्रधानमंत्री से बात किया कहाकि राज्य सरकार दंगाईयों की मदद कर रही है बिना सेना भेजे स्थिति और बिगड सकती है। प्रधानमंत्री ने अपनी सक्रियता दिखाते हुऐ तुंरत सेना भेज दिया। दोपहर में सेना के पहुचने पर षाम तक स्थिति नियत्रण में आई है। श्रीनगर में अबदुल्ला सरकार सोई थी, सेना के आगमन की जानकारी मिलते ही जाॅच के आदेष दिये,और कलेक्टर तथा पुलिस अघिक्षक को हटा दिया गया । जो यह कह रहे थे, किष्तवाडा मे षांति है और भाजपा झूठ बोल रही है। दूसरे दिन भाजपा द्वारा पूरे जम्मू क्षेत्र में बंद का आह्वान किया है । सभी लोगों इस बंद का समर्थन किया है।
रमजान के महीने में जो पवित्र महीना माना जाता है इस प्रकार की हिसा जायाज है क्या ? अभी कश्मीर को लेकर पुरे देश  में सरकार के निसक्रियता को लेकर नाराजगी है। वही यह घटना पूरे देश में एक प्रकार से नाराजगी दिखाई दे रहा है। यह घटना सुबह से हो रहा था लेकिन मीडिया ने कवर नही किया । जब सोशल मीडिया ने इस खबर को खुब चलाया तो अन्य चैनल ने यह महत्वपूर्ण माना । भाजपा ने बंद की घोशण के बाद तथा इस घटना कि भाजपा प्रवक्ताओं ने प्रेस वार्ता किया तब जाकर । यह समाचार दिखाया जाने लगा , मीडिया द्वारा इस प्रकार की हिन्दूओं के उपर होने वाले अत्याचार को नही दिखाना भी कही न कही इस प्रकार की घटना का समर्थन माना जाय । तो मीडिया की निष्पक्षता कैसे होगी।

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