सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा उर्दू भाषा में लिखी गई देशप्रेम की एक ग़ज़ल है अक्सर भारत के युवा इसे गुनगुनाते है, जो भारतीय स्वतंत्रता
संग्राम के दौरान ब्रिटिश राज के विरोध का प्रतीक बनी। जिसे आज भी
देश-भक्ति के गीत के रूप में भारत में गाया जाता है। इसे अनौपचारिक रूप से
भारत के राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्राप्त है। इस गीत को प्रसिद्ध शायर मुहम्मद इक़बाल ने १९०५ में लिखा था और सबसे पहले सरकारी कालेज, लाहौर में पढ़कर सुनाया था। यह इक़बाल की रचना बंग-ए-दारा में शामिल है। उस समय इक़बाल लाहौर के सरकारी कालेज में व्याख्याता थे। उन्हें लाला हरदयाल ने एक सम्मेलन की अध्यक्षता करने का
निमंत्रण दिया। इक़बाल ने भाषण देने के बजाय यह ग़ज़ल पूरी उमंग से गाकर सुनाई।
जब से भारत सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाया है। तब से एक पाकिस्तानी नेता ने भारत की तारीफ
में एक गाना ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ गाया है, जो इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है। गाना
गाने वाले शख्स पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी ‘मुत्ताहिदा क़ौमी
मूवमेंट’ के संस्थापक हैं। जिनका नाम अल्ताफहुसैन है। कराची
शहर में हुसैन की आज भी अच्छी-खासी पकड़ है। अल्ताफ की पहचान पाकिस्तान में एक
तेज-तर्रार नेता के रूप में हैं। पाकिस्तान से अल्ताफ को निर्वासित कर दिया गया
है। अल्ताफ हुसैन फिलहाल लंदन में रह रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही लंदन में रह रहे अल्ताफ हुसैन ने कहा था कि कश्मीर के
लोगों से पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान सरकार पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना 72 सालों से कश्मीर के लोगों को धोखा दे रही है।
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