शनिवार, 27 अगस्त 2011

सदन में राहुल गांधी की चाल भी उल्टी पड़ गई...........।


देश को राहुल गांधीजी से बहुत उमीद थी लेकिन राहुल ने पूरा नहीं किया | जिस जनलोक पाल बिल पर सदन चर्चा हो रही था |तो कांग्रेसियों ने राहुल गाँधी से सदन में उनके विचार रखे में अपेक्षा था लेकिन राहुल ने तो अपने विचार रख कर पार्टी को ही भ्रम में डाल दिया | राहुल ने कह दिया कि लोकपाल अकेले भ्रष्टाचार नहीं रोक सकता है |तो बात पूरा उल्टा हो गया आम जनता में इसका गलत सन्देश चला गया की राहुल गाँधी जन लोकपाल पर सहमत नहीं है |

अन्ना समर्थक ने राहुल गाँधी में निवास पर जाकर विरोध प्रगट करने चले गए | पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया | सबसे बड़ी बात यह है की यह चूक महगा पड़ा |दूसरी बात की पार्टी इस बिंदु पर अटक गई | जिसका परिणाम शनिवार को साफ दिखाई दिया। सरकार तय नहीं कर पाई कि वह अन्ना की प्रस्ताव पर क्या फैसला करे? सरकार ने यह पर अपने को बचनेके लिए यह कही की हम तो केवल चर्चा के लिए तैयार है यदि हम सदन में प्रस्ताव रख तो भाजपा प्रस्ताव को पास नहीं करेगी | जैसे ही यह बात मिडिया के द्वारा बात सामने आई तो सुषमाजी स्वराज ने तुरत कहा की सरकार सदन पर प्रस्ताव रखे हम तुरंत पास करेगे | जनता की दबाव देख कांग्रेसियों ने तुरंत हरकत में आकार प्रधानमंत्री के कार्यलय से प्रस्ताव तैयार हो कार आया | यह गलती मिडिया के कारण तुरंत उजागर हुआ |

राहुल गाँधी की तथा सरकार की ताल मेल बिगाड़ा हुआ दिखता है | राहुल ने बयान ने पार्टी को लाइन से पूरी तरह से उतर दिया | जो बात प्रधानमंत्री ने सदन में कहा की भ्रष्टाचार मिटने के लिए सशक्त जन लोकपाल की आवश्यकता है तो राहुल ने कि लोकपाल अकेले भ्रष्टाचार नहीं रोक सकता है | यह बात पर सरकार और राहुल गाँधी के बीच का मतभेद उजागर करता है | दूसरी बात की काग्रेसियों की योजना कार फेल होते दिखे | देश ने राहुल गाँधी की कुशलता पर संदेह देखता है की जिस तरह से कांग्रेस राहुल को प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने की कोशिश कार रहा है वह एक प्रकार से सक्षम नहीं है |

वरुण बोले- जनता से ऊपर नहीं संसद……|

जनलोकपाल बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा के युवा सासंद वरुण गाँधी ने अपना भाषण जो दिया ,वह आम युवाओं का दिल जीत लिए है | यह जीतने वरुण गाँधी का कद और बढ़ गये है |पूरा मिडिया ने भाजपा के युवा वरुण को भाजपा के युवराज कहने लगा है |अपनी समझदारी के कारण यह संजय गाँधी के पुत्र ने कांग्रेसियों के युवराज पर इतने भारी पड़े कि दूसरे दिन राहुल गाँधी लोक सभा में नहीं आये है | जो बात वरुण ने बोला वह एक युवा कि भाषा था जिसे सुन कर युवाओं ने पसद किया | यह भारत के युवाओ के लिए एक नया अनुभव हो रहा है | देश की संसद में युवा सांसदो ने युवाओं कि बात बोल रहे है |

लोक सभा में बोलने से पूर्व वह पहले रामलीला मैदान में जाकर वहाँ पर युवा सक्ती को देखा उनकी सुनी तथा उनकी अनुभव को लोकसभा में जाकर कहा | आज का युवा समय के साथ बदलाव चाहता है | देश जब गुलाम था तो देश ने आजादी के लिए आंदोलन कर आजादी प्राप्त किया जिसके बाद देश में जतना का राज्य हो गया | लेकिन यह जनता महसूस कर रही है

मुसलमानों को अन्ना के आंदोलन में दूर रहे ....|

अन्ना जी के आंदोलन में पुरे देश का समर्थन मिला है | लेकिन कुछ लोगों को समझा में नहीं आ रहा है कि वे लोग करे क्या ? उसमे से कुछ लोग ने बोलना शुरू किया कि अन्ना कि टीम कोई तो मुस्लमान नहीं है |ईमाम बुखारी ने कहा कि - अन्ना के आंदोलन में भारत माता कि जय और बंदेमातरम जैसे नारे लग रहर है | यह इस्लाम के खिलाफ है क्योंकि यह मजहब किसी देश या भूमि कि इबादत करने कि इजाजत नहीं देता | ऐसे में मुसलमानों को इस आंदोलन से दूर रहना चाहिए | देश के भ्रष्टाचार में इस्लाम कहाँ से आ गया | कुछ लोगों ने प्रेस द्वारा पूछा गया तो अन्ना के आंदोलन में भारत माता ओर बंदेमातरम के नारे लगाये जा रहे थे | इस्लाम तो बुत कि पूजा नहीं करती है | लेकिन अन्ना के मंच से केवल नारा लगाया जा रहा था लेकिन किसी मूर्ति कि पूजा नहीं कि जा रही है |

मंगलवार, 23 अगस्त 2011

अन्ना के आंदोलन पर कांग्रेसियों के कुटिल चाल .......|




अन्ना हजारे ने लोकपाल विधेयक को लेकर कांग्रेसियों व सरकार के लोग कई प्रकार से हमला करना शुरू किया है | कांग्रेसियों कि महारानी के अनुपस्थिति में और राजकुमार कि लापता कि स्थिति है | पहला आरोप था कि अन्ना के ngongo में भ्रष्टचार है तो अन्ना ने कहा कि जाँच कर लो तो बात यही पर रुक गया | उधर कांग्रेसियों के प्रवक्ता ने कहा कि अन्ना तो फ़ौज से भागे हुए सिपाही है | तो सुचना के अधिकार के तहत श्री सुभाष अगवाल ने जानना चाह कि सातवीं पास सेना में कैसे पहुचे तथा उनका चरित्र कैसा था आदि आदि | तो सेना ने उनसे जानना चाह कि आपके बारे में सूचना के अधिकार के तहत में जानना चाह है आप का क्या कहा ना है | यह बात कांग्रेसियों के पत्रकार वार्ता में मनीष तिवरी ने कहाकि अन्ना-- तूम अभी तक जबाब क्यों नही दे रहे हो | लेकिन यह बात कहते भी सब बात बिगड गई | सुभाष अग्रवाल के बातों पर सेना से जबाब भेजा कि अन्ना देश कि फ़ौज से कभी नहीं भागे है तथा उनके उपलब्धियों पर सेना ने पांच मेडल दिया है | इतनी बात आते ही कांग्रेसियों और सरकार को सांफ सुध गया | लेकिन rtirti के सुभाष अग्रवाल सरकार से नाराज होगे है कि सुचना के अधिकार के तहत उनकी जानकारी को क्यों कैसे लिक किया गाय है | जब से कांग्रेसियों नेता मनीष तिवारी गायब हो गये है तथा अन्ना समर्थक जब उबके घरों पर पंहुचे तो घर और अपने संसदीय क्षेत्र से गायब है | समस्या देखा कर कांग्रेस ने अपना प्रवक्ता बदला और रेणुका चौधरी को आहे कर दिया | जब लोगों का दबाव रहता है तो हडबडी में आदमी कई बार गलती करता है | अभी कांग्रेसियों ने गलती पर गलती करते जा रहे है | पत्रकार वार्ता में रेणुका ने कहाकि राहुल गाँधी तोता नहीं जो बार बार बोलगे | अन्ना कि आधी में सरकार और कांग्रेसियों कि हाल खराब है | अब हाल खराब होता देख कर सरकार के लोग सोनिया खास लोग अरुणा राय को आगे कर दिया |

अन्ना सामाजिक नेता है तो अन्य सामाजिक लोगों से उनका संबद्ध होगा | सुचना के अधिकार को ठीक प्रकार से लागू करने के लिए अरुणा राय के साथ अन्ना का सहयोग तथा अरुणा राय ने सोनिया से कह कर ठीक प्रकार से लागू होने का सहयोग किया था | इस संबद्ध का कांग्रेस ने उह्योग करते हुए - अरुणा राय को आगे कर दिया | अरुणा राय ने कहा कि – अन्ना के जनलोकपाल बिल में बहुत कमी मैं तीसरा लोक पाल बिल पेस कर रही हूँ | यह ठीक बिल है | यह कांग्रसी चाल से जनता अवगत है कि किस प्रकार वार्ता कर बाबा रामदेव को लिखित में लेकर उनको फंस दिया गाय तथा रात में पुलिस कारवाही कर आंदोलन को खत्म कर दिया गया | अन्य प्रगतिशील लोगों को आगे कर दिया जैसे अरुंधति अब यह लोग कह रहे कि अन्ना गलत कर रहे है |

तो प्रश्न यह उठता है कि सही कौन कर रहा है सरकार कि अन्ना | जिस प्रकार अन्ना के आन्दोलन से आम आदमी जुड गया है क्या सरकार अपना बहुमत खो दिया है | इस मुड़े पर विपक्ष को एक हो कर देश में आंदोलन करना चाहिए था | तथा सरकार को पुनः जनता के पास जाने के लिए मजबूर कर देना चाहिए था | लेकिन विपक्ष इंतजार करो कि नीति पर चाल रही है |


शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

राहुल गाँधी कि नया नौटकी शुरू .........

राहुल गांधीजी अभी अपने पार्टी के शासन वाले महाराष्ट्र राज्य के दौरे पर है | वहाँ पर उनके पार्टी के शासित राज्य में किसानों पर गोली हत्या कांड पर घडीयालू आसू बहाने पहुचे | किसान जो पावना बांध का पानी निकट के औद्योगिक कस्बे पिंपरी-चिंचवड़ को देने का विरोध कर रहे थे | इनका विरोध करना इतना मँहगा कि पुलिस ने दौडकर गोली मारी जिसमे तीन किसान कि तत्काल मृत्यु हो गया था | उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भट्टा-पारसौल गांवों में किसानों के लिए धरना तथा राजनीति कर चुके राहुल पर यह आरोप लगता रहा है कि वह महाराष्ट्र के जैतापुर और मावल के किसानों के पास क्यों नहीं जाते? महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार है, जो महाराष्ट्र के स्थानीय किसानों की मर्जी के विरुद्ध उनकी जमीन का अधिग्रहण कर रही है।

मावल की तरह ही जैतापुर में भी अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस की गोलीबारी में एक किसान की मौत हो गई थी। लेकिन मावल में पुलिसकर्मियों ने जो निह्थाओ पर सीधा गोली बरी करने लगा | यदि आप वहाँ का घटना देखने पर दिल दहल जाय | पुलिस के अधिकारी किसानों को दौडकर –दौडकर लाठी नहीं बल्कि गोली मार रही थी | क्या कांग्रेस नीति सरकार केवल अंग्रेजो कि तरह व्यवहार करेगे | यह सब प्रश्न का उठा ही सरकार पर तो राहुल कि नीद टूटी तो चुपचाप वहाँ के दौरे के लिए जाना उचित समझा | यदि जनता को मुर्ख बनना अब ठीक नहीं तो दिखने के लिए राहुल कि यह यात्रा हो गया | दूसरा पहलू यह है आज कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार तथा घोटालों से घिरी है और अन्ना के जनलोक पाल बिल को लेकर आम जनता में राहुल के विचार जानना चाही तो इससे बचने के लिए भी मावल कि यात्रा करना उचित है |क्योंकि कांग्रेस सरकार ने अन्ना और टीम को १६ अगस्त को प्रात ही गिरफ्तार कर लिया था | शाम तक आम जनता रोड पर आगई, तो राहुल गाँधी का रोल कांग्रेस ने बनाया और प्रधानमंत्री से मिलकर अन्ना को जेल से छोड़ने को कहा गया | जनता तो राहुल और कांग्रेस कि चाल जानती थी उल्टा सरकार कि किरकिर हुआ राहुल का दांव गलत हो गया | तथा अन्ना ने तिहाड़ जेल अपनी शर्त पर रामलीला मैदान लेकर वहाँ पर अपना आंदोलन प्रांरभ किया | राहुल दिल्ली के घटना से बाहर रहना उचित समझा |

इस अवसर पर यूथ कांग्रेस केवल एक विज्ञप्ति जारी की गई , किसानों की मौत की निंदा करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जो भी हुआ वह गलत है ।' यदि यह घटना उत्तरप्रदेश में हुआ होता तो अब तक मुख्यमंत्री ही बदल जाता | अभी राहुल आगामी उत्तर प्रदेश कि चुनाव कि तैयारी में पूरा उत्तरप्रदेश में किसान यात्रा निकल चुके लेकिन वही महाराष्ट्र में किसानों पर हुए अत्याचार पर कांग्रेस अपनी चुपी तोडकर औचरिकता कि खाना पूर्ति भर है |

राहुल गांधी ने मावल का दौरा कर सिर्फ एक औपचारिकता निभाने की कोशिश की है। इससे किसानों की किसी समस्या का हल नहीं होने वाला। दूसरी बात की कांग्रेस बनाम राष्ट्रवादी कांग्रेस की राजनीति के नजरिए से भी देखा जा रहा हैकि मावल गोलीबारी मामले में विपक्ष शुरू से राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को घेरने कोशिश कर रही कि गृह मंत्रालय भी राकांपा के ही पास है। कभी कांग्रेस का गढ़ रहे पुणे पर अब अजीत पवार का दबदबा माना जाता है। अजीत केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे हैं। यानि कांग्रेस अपनी पार्टी के गलती के जगह राकापा को जिम्मेदार बताना चाह रही है | आगामी चुनाव में कांग्रेस इस हत्याकांड से अपना पला झाड रही है | राहुल कि यह यात्रा तो राजनीतिक के लिए केवल एक दिखावा भर था लेकिन देखा जाया तो राहुल का देश कि समस्या से पलायन वादी है तथा केवल नौटकी ही दिखती है |

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

अन्ना बनाम मनमोहन

पुरे भारत में जनबल के द्वारा अन्ना हजारे ने जो आंदोलन का खड़ा कर दिया है उससे सरकार और upaupa के हाथ पैर फुल चुके है | लेकिन क्या सरकार ने यह सोचा था कि यह आंदोलन इतना बड़ा रूप लेकर उसके नाक में दम कर देगा | सरकार ने बाबा रामदेव के साथ जो किया था वैसा कोशिश करने प्रयत्न किया था | सुबह ही अन्ना हजारे तथा इनके साथ के लोगो को गिरफ्तार किया गया लेकिन शाम को लोगों के दबाव में आ कर इन्हें वापस छोडना पड़ा लेकिन अन्ना ने अपने शर्त पर रामलीला मैदान पर अनुमति ले कर अपना आम लोगों के साथ पुनआंदोलन प्रारभ किया |
सबसे बड़ी बात यह है कि खुद प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह इतने पढ़े लिखे होने के बाद भी एक सातवीं पास देश के सिपाही से हारे हुए है | दुनिया के सभी देशो में गये हुए ,२२ वर्षोंसे भारत सरकार में कई बार मंत्री रहे | दुनिया कि बदलती राजनीति को देखा हुआ हमारे देश के प्रधानमंत्री आज असहाय खड़े नजर आ रहे है | फिर उनके सामान और मंत्री कपिल सिब्बल चितम्बरम और सलमान खुर्शीद भी हावर्ड युनिवसिटी से निकले है और बाबा रामदेव के आंदोलन की बाट लगा दी लेकिन आज अन्ना के आंदोलन में सब की सब वकालत धरी रह गया है | पूरी सरकार बगल झाक रही है क्या करे उन्हें समझ में नहीं आ रहा है | सरकार और कांग्रेस को सलाह देने वाले एक से एक लोगों को आज सांफ सुघ गया है | सरकार के साथ उनकी दिमाग प्रशासनिक अधिकारी जो मंत्री और सरकार को अपना फालतू दिमाग देते रहते है | आज उनका दिमाग काम नहीं कर रहा है क्योंकि वे सब लोग भ्रष्टाचार में डूबे हुए है | यानि देश के महा धुरंधर लोग हाथ पर हाथ धर कर बैठे हुए है | जो सरकार को अंग्रेजी बुद्धि दे कर आम लोगों से दूर करती है | बस यही पर ये लोग मार खा गये और अन्ना के साथ ऐसा ही काम किये जो बाबा रामदेव के किये थे | आम लोगों ने देखा किस प्रकार रात को सोते लोगों पर लाठी बरसाईं गई | आम लोग ने पसद नहीं किया यही प्रधानमंत्री मनमोहन ने कहा की और कोई रास्ता नहीं था | यही रास्ता यहाँ पर बनाया तो आम लोग यह छलकपट देखा कर विरोध प्रदर्शन करने लगा और सरकार को अनपी गलती समझा में आये तो तब तक देर हो चूका था | लेकिन बात यह है की सरकार के पास इतनी संसाधन के होते हुए भी यह आंदोलन को रोक नहीं पाई है उसका मूल कारण थी जो सरकार की नीयत पर थी |
जब कोई लड़ाई नैतिकता के बल से होता है तो उसपर चलने वाले ही लोगों की जित होती है | बस यह लड़ाई है वह चरित्र वाले उज्जवल व्यक्ति के साथ था | जो अपने चरित्र एवं नैतिक बल से लड़ाई लडी तो सरकार का कोई चरित्र नहीं है एवं नहीं नैतिकता है | क्योंकि सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार के मामले में पूरी तरह से उसमे डूबा हुआ है | ऐसा ही हाल अंग्रेजो का था जो भारत में अनैतिक के कारण उन्हें छोड़कर जाना पड़ा | यहाँ पर सरकार की ऐसा ही हालत है कि- ७ वर्षों में भ्रस्टाचार और अराजकता इतना बड़ा कि आम जनता को लगा कि अब बहुत हो चूका कुछ बदलना चाहिए | पिछले वर्ष से जो लगातार भ्रस्टाचार उजागर हो रहे है लेकिन सरकार मानती नहीं थी लेकिन जनता के दबाव केकारण जाच के नाम पर लीपापोती कर नापने नेताओं तथा लिपत अधिकारी को बचने में लगे रहे है | यह हाल सभी राजनैतिक पार्टीयों का यही हाल है | पूरी तरह ऐसा लगता है कि यह सरकार देश कि नहीं बल्कि पूरी तरह अंगेजों कि सरकार कि तरह काम कर रही है | १९७५ में देश में आपातकाल लगाया गयाः गया था उस समय कांग्रेरसियों के तानाशाह प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिराजी ने देश में आपातकाल लगा था कहा कि बिपक्ष देश में अराजकता तथा देश से बगावत कर रहे थे | तो जयप्रकाश नारायण ने आपातकाल का विरोध कर गाँधी वादी आंदोलन कर लाखो लोगों के साथ जेल गये | वैसी स्थिति आज पुरे भारत में है लेकिन रिमोट से संचालित सरकार कि इतनी हिम्मत नहीं है कि वह आपातकाल लगा सके तो वह अब चुपचाप सो रही है और कह रही कि अन्ना देश कि संसद कि अवमानना कर रही है लेकिन ये नेतागण ने संसद का ६० वर्षों से रोज अपमान कर रहे है उसपर कुछ नहीं बोलते है|
अब सरकार नैतिक और चरित्रिक रूप से खत्म हो चुकी है | केवल नाम मात्र का सरकार है बस प्रधानमंत्री मनमोहन केवल ईमानदारी का पुतला बने हुए है | उनके मंत्रीमंडल सब आज भ्रस्टाचार में लगे हुए सरकार रहते उनके मंत्री जेल में है | जब आम आदमी यह सब मूक रूप से देख रह है कि समय आये | बाबा रामदेव और अन्य ईमानदार लोगों ने जनता के जगाने काम करते यह समय आया कि आज जनता ने रस्ते आकर आंदोलन शांतिपूर्वक कर रहे है | लेकिन सरकार के लोग अभी भी छलकपट करने लगे है | कभी अन्ना को भगोड़ा बोलते है और अपनी के सामाजिक कार्य पर उगली उठाते हुए इन्हें शर्म तक नहीं आती है | देश को आज जिस मुकाम पर खड़ा कर दिए है कि अन्ना को आन्दोलन के लिए रोड पर आना पड़ा है | जिन लोगों ने अन्ना के साथ बनकर यह आंदोलन को शुरू किया है | उन सभी ने अपने जीवन में अच्छा काम करने का प्रयत्न किये है |
हमारे पुराणों में कहा गया है कि चरित्र के बल से बहुत कुछ प्राप्त किया जा सकता है | अन्ना ने अपने जीवन में गाँधी जी जैसा जीवन जिया है इसलिए वह नैतिक रूप बलवान है | गांधीजी ने अपने आचरण और नैतिक बल से अंग्रेजो पर भारी पड़े और अंग्रजो को भारत छोडना पड़ा है | इसी नैतिक बल से अन्ना ने यह आंदोलन प्रारभ किया तो सरकार ने अंग्रजो जैसा व्यवहार करने लगी है | अन्ना पर आरोपों झड़ी लगा दिया ,लेकिन सरकार और कांग्रेस के आचरण तो राक्षस जैसा है | जिस नैतिक के आधार पर गाँधी जी ने देश को आजादी दी उसी आजादी को भ्रस्टाचार से लिप्त करदिया | पूर्व रास्ट्रपति कलाम ने कह कि –जब वह छोटे थे तो उनके पिता जी के अनुपस्थिति उपहार देने आया था वह कलाम ने ले लिया | जब पिता जी वापस आये तो कलाम ने उन्हें बताया तो पिताजी ने कहा कि जिसे तुम नहीं जानते उससे कोई सामान नहीं लेना चाहिए | यह बात कलाम ने जीवन भर निभाया और राष्ट्रपति भवन में भी कुछ भी नहीं लिया | यह सब संस्कारो से प्राप्त होता है संस्कार एक दिन में नहीं आता उसके लिए अपने जीवन में अपने आचरण में लाना होता है | इसी से नैतिक का स्वयं निमार्ण होता जाता है |यही बल को कोई व्यक्ति अपने जीवन का आदर्श बनाता है तो तभी गाँधी जी या अन्ना या जयप्रकाशनारायण जैसे आंदोलन खड़ा होता है |
एक तरफ अन्ना जो सातवीं पास दूसरी तरफ दुनिया कि बदलती तस्वीर देखने वाले भारत के भ्रस्ट प्रधानमंत्री मनमोहन मंत्रीमंडल और कांग्रेसियों कि तथाकथित सरकार के बीच हो गया है | आज आम जनता जो २ वर्ष पहले चुनकर भेजी और आज उसके खिलाफ आंदोलन कर रही है| अब सरकार के पास कोई चारा नहीं बच है इसलिए उसे इस्तीफा देकर सरकार से बाहर जाना चाहिए |

पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में हिंसक घटनाओं

हिंसक घटनाओं

सोनिया गाँधी की बीमारी को कांग्रेस क्यों छुपा रही है

अभी सोनिया गांधीजी अमेरिका में अपना स्वस्थ लाभ ले रही है | हम सभी उनकी स्वथ्य लाभ की कामना करते है | कुछ दिनों पूर्व अचानक समाचार मिला की सोनिया गांधीजी का आपरेशन सफल रहा लेकिन जिन्होंने यह समाचार संचार तंत्र को दिया थोड़ी देर में कहा – की आपरेशन अगले दिन होना है , यह खबर आश्चर्यजनक था | यह गोपनीय समाचार की अमेरिका में सोनिया जी का आपरेशन की क्या जरूरत पड़ी तो मिडिया को पहले से पता क्यों नहीं था |दूसरी बात की किस कारण अमेरिका के केंसर अस्पताल में आपरेशन हुआ | हमारे देश के कलम घिस्सू पहलवान को तो सांप सूंघ गया और जो पल पल की खबर देते है गायब होगये सबसे पहले आजतक ..वे सारे कहा गए पता नहीं चला | आखिर एक कैंसर के अस्पताल में सोनिया गाँधी का आपरेशन और आम लोगों को यह गोपनीय समाचार बनाकर क्यों रखा गया |
दुनिया के बड़े अखबार घराने केवल बड़ी हस्तियों को कुकुर जैसे सूँघते घूमते रहते है |कि उनके लिए क्या- क्या चटखारे वाले खबर हाथ लग जाये | ये खबरी अस्पताल से लेकर रेस्टोरेंट होटल तथा घर के किचन केबिनेट तक कि खबर रखने वालों को भी नहीं पता चला | हमारे देश कि पहली परिवार कि सबसे बड़ी खबर को मिडिया को हवा नहीं लगा कि सोनिया जी आपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हो चुकी है | यह बात कांग्रेस प्रवक्ता ने मिडिया को बताया और सबसे बड़ी बात कि सोनिया के अनुपस्थिति में रिमोट से चलने वाले प्रधानमंत्री कैसे चलेगे | तो सोनिया ने पांच प्यारे प्यादे कि गुप बनाकर जो सोनिया कि अनुपस्थिति में ये लोग कांग्रेस ,देश व सरकार चलायेगे | तब जाकर देश को पता चलाकि देश की एक महत्वपूर्णमहिला कितनी महत्वपूर्ण है की उनकी जगह उनके चरणपादुका का उपयोग प्रधान मंत्री किस्से पूछकर करेगे |
इस समय दुनिया में बहुत उथलपुथल मचा हुआ है |अमेरिका की आर्थिक स्थिति सबसे ज्यादा खराब है |उसके कारण मंदी की स्थिति कड़ी हो रही है, इसका प्रभाव दुनिया पर भी पड़ रहा है | ब्रिटेन में अभी- अभी हो रहे दंगो से ज्यादा परेशान में की अगले वर्ष वह पर ओलंपिक की तैयारी हो रही है | 16हजार पुलिस दंगाईयों से निपटने में लगी है | अपने भारत में अन्ना की टीम १६ अगस्त से पुन अनशन पर बैठने वाले है | और तो सरकार भ्रष्टाचार में बुरी तरह से घिरी है |
इस समय कांग्रेस की सर्वोच्च नेता अमेरिका के अस्पताल में है और उसकी बीमारी को आम लोगों से छुपा कर रखा है| ऐसा दुनिया में पहले बार नहीं हो रह है | सोवियत संघ के सर्वोच्च नेता १९५३ खुर्श्चेव तथा ब्रेझनेव की बीमारी के बारे लोगों से छुपाया गया था |वेनेजुअला के राष्ट्रपति के मुर्त्यु की खबर छुपाया गया तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जानफ कैनेडी के पीठ के दर्द के बारे में छुपा गया लेकिन इनकी हत्या हो गए | इन सब से सत्ता के लोगों को डर अधिक होता है कि कही केंदीय सत्ता कमजोर न हो जाये | सोवियतसंघ ने अपने नेता के बारे में छुपा कर रखा था |जिससे उन्हें लगता था कि उनकी सत्ता कही खतरे में न पड़ जाये | ऐसे ही स्थिति भी कांग्रेसियों में भी है , इस लिए कांग्रेसियों ने सोनिया के बीमारी के बारे बात करने से कतरा रहे है दूसरी बात किसी भी प्रकार से सोनिया के बारे में कुछ भी नहीं जानते है | जो कुछ मिडिया से पता चल रहा है| उनको भी लगता है कही सत्ता कि डोर उनकी हाथ से न निकल जाये | जिसप्रकार से आज पूरी दुनिया में सत्तारूढ़ के खिलाफ आन्दोलन हो रहे हो | भारत में भी स्थिति अलग नहीं है | जिस कांग्रेस को अभी चुनाव में आम जनता ने बहुमत के पास पंहुचा दिया लेकिन पिचले वर्ष जिसप्रकार से भ्रष्टाचार उजागर हुआ था प्रधानमंत्री ने जो न्क्कारापन ने आम जनता को नाराज कर दिया | आम जनता ने देखा कि सरकार आँख मूंदकर केवल बैठी हुआ, सक्रीय है तो न्यायालय ने तथा इन सब को देखते हुए | देश के प्रमुख नागरिकों आंदोलन चलने के लिए आगे आये है| ऐसे ही अन्ना हजारे तथा बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो आंदोलन को कुचलने कि कोशिश हुआ | आम जनता नाराज है इसप्रकार कि स्थिति को देखते हुआ कांग्रेस डरी हुआ है ,और अपने नेता कीस्थिति के बारे में छुपा रहे है | भाजपा के नेता प्रमोद महाजन को गोली लगी तो अस्पताल उनकी स्वास्थ के बारे में रोज सुचना दिया जाता था | लेकिन अमेरिका से ऐसी कोई भी सुचना नहीं मिलती है | आज भारत कि मिडिया ने तो केवल प्रेसनोट जारी करना उचित समझाता है |जनता को वास्तिव बात तक भी नहीं पंहुचा उचित समझते है| मिडिया का अपना जिम्मेदारी खत्म नहीं होता बल्कि शुरू होता है |

शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

सांप्रदायिक और लक्षित हिसा रोकथाम बिल

बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के बीच परस्पर प्रेम कि भावना बढनी चाहिए | केन्द्र व राज्य कि सरकार का यह कम होना चाहिए कि दोनों समुदाय में आपसी सहयोग एंव एकता बढ़नी चाहिए |लेकिन सोनिया गाँधी एंड कंपनी ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद द्वारा तैयार किया गया एक ऐसा बिल जिसका नाम सांप्रदायिक और लक्षित हिसा रोकथाम बिल जो इस प्रकार कि भावना को नष्ट कर संदेह और हिंसा घटना कि वर्धि होगा |
कोई भी कम करने से पूर्व उसकी नीयत देखा जाता है | सोनिया गाँधी ऐ ईसाई महिला है तथा वह चर्च से जुडी हुई है |१० वर्षों में दो बड़े हिंसा हुआ है पहला कि गुजरात कि दंगा जो राम भक्तों पर गोधरा में रेलवे के दो डिब्बों में निकट के मुसलमानों ने जला का अनेक हिंदू महिला पुरष और बच्चो कि हत्या किया गया जिसके बाद इस घटना के बाद पुरे गुजरात में हिंसा हुआ इस घटना के पीछे मुसलमानों की किया गया घ्दित कम था तथा दूसरा उडीसा में बाबा लक्शाद्नन की ईसाई के द्वारा उनके आश्रम में कर दिया गया तो वनवासियों द्वारा आसपास ईसाई द्वारा धर्मातरित हिंदू पर शंक के कारण हिंसा हुआ जिसमे अनेक लोगों की जान गई | यह दोनों घटना अल्पसंख्यक द्वारा की गई हिंसा के कारण हुआ |अब इस घटना में कोई बहुसंख्यक का कोई हाथ नहीं था लेकिन घटना के पीछे अल्पसंख्यक हाथ और उन्ही के द्वारा हुआ है |

बेशेर्मो लोगों ने निकली बेशर्मी का मोर्चा

आज भारत में कुछ असामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा रच गया बेशर्मी का मोर्चा जो अभी अभी भारत में अचानक से बढे महिलओं (लडकियों) पर छेड़छाड़ तथा बलात्कार एवं हत्या के मामले बढे गये है | बेशर्मी का मोर्चा का कहना है यह घटना पुरुष प्रधान देश होने के कारण है | अब सवाल यह है कि यदि पुरुष प्रधान देश होता तो आज करोड़ों लड़कियाँ प्रोफेसनल इन्जिरिग ,मेडिकल तथा अन्य सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में पढाई के बाद सम्मान पूर्वक कार्य कर रही है | कुछ वर्ष पूर्व अफ़गानिस्तान में बुर्का ना पहने पर महिलओं को सरे आम पीटा जाता था |यदि भारत पुरुष प्रधान देश होता तो आज जितनी महिलाएं सम्मानपूर्वक समाज में काम कर रही वह कर पति क्या ?आज जो देश में बदलाव आ रहे है , यह बदलाव समय के साथ ठीक प्रकार से होना चाहिए |
हमारे देश के कुछ पढ़े लिखे असंस्कारित लोग विदेशों कि नकल कर रहे है |टोरंटो में कुछ महिलाओं पर छेड़छाड़ कि घटना अचानक बढ़ गई तो वह कि महिला पुलिस अधिकारी मिशेल ने – महिलाओं को हिदायत डी कि महिलाएं ठीक प्रकार से कपडें पहने जिससे इस प्रकार कि घटना न बढे | तो फिर जैसा देश वैसा भेष वहाँ कि महिलाओं ने उस महिला पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया | रोड पर उतर कर नगे होकर प्रध्श्रण करने लगी | उस महिला पुलिस अधिकारी को माफ़ी मांग कर बचाना पढ़ा | तबतक