शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

राहुल गाँधी कि नया नौटकी शुरू .........

राहुल गांधीजी अभी अपने पार्टी के शासन वाले महाराष्ट्र राज्य के दौरे पर है | वहाँ पर उनके पार्टी के शासित राज्य में किसानों पर गोली हत्या कांड पर घडीयालू आसू बहाने पहुचे | किसान जो पावना बांध का पानी निकट के औद्योगिक कस्बे पिंपरी-चिंचवड़ को देने का विरोध कर रहे थे | इनका विरोध करना इतना मँहगा कि पुलिस ने दौडकर गोली मारी जिसमे तीन किसान कि तत्काल मृत्यु हो गया था | उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भट्टा-पारसौल गांवों में किसानों के लिए धरना तथा राजनीति कर चुके राहुल पर यह आरोप लगता रहा है कि वह महाराष्ट्र के जैतापुर और मावल के किसानों के पास क्यों नहीं जाते? महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार है, जो महाराष्ट्र के स्थानीय किसानों की मर्जी के विरुद्ध उनकी जमीन का अधिग्रहण कर रही है।

मावल की तरह ही जैतापुर में भी अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस की गोलीबारी में एक किसान की मौत हो गई थी। लेकिन मावल में पुलिसकर्मियों ने जो निह्थाओ पर सीधा गोली बरी करने लगा | यदि आप वहाँ का घटना देखने पर दिल दहल जाय | पुलिस के अधिकारी किसानों को दौडकर –दौडकर लाठी नहीं बल्कि गोली मार रही थी | क्या कांग्रेस नीति सरकार केवल अंग्रेजो कि तरह व्यवहार करेगे | यह सब प्रश्न का उठा ही सरकार पर तो राहुल कि नीद टूटी तो चुपचाप वहाँ के दौरे के लिए जाना उचित समझा | यदि जनता को मुर्ख बनना अब ठीक नहीं तो दिखने के लिए राहुल कि यह यात्रा हो गया | दूसरा पहलू यह है आज कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार तथा घोटालों से घिरी है और अन्ना के जनलोक पाल बिल को लेकर आम जनता में राहुल के विचार जानना चाही तो इससे बचने के लिए भी मावल कि यात्रा करना उचित है |क्योंकि कांग्रेस सरकार ने अन्ना और टीम को १६ अगस्त को प्रात ही गिरफ्तार कर लिया था | शाम तक आम जनता रोड पर आगई, तो राहुल गाँधी का रोल कांग्रेस ने बनाया और प्रधानमंत्री से मिलकर अन्ना को जेल से छोड़ने को कहा गया | जनता तो राहुल और कांग्रेस कि चाल जानती थी उल्टा सरकार कि किरकिर हुआ राहुल का दांव गलत हो गया | तथा अन्ना ने तिहाड़ जेल अपनी शर्त पर रामलीला मैदान लेकर वहाँ पर अपना आंदोलन प्रांरभ किया | राहुल दिल्ली के घटना से बाहर रहना उचित समझा |

इस अवसर पर यूथ कांग्रेस केवल एक विज्ञप्ति जारी की गई , किसानों की मौत की निंदा करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जो भी हुआ वह गलत है ।' यदि यह घटना उत्तरप्रदेश में हुआ होता तो अब तक मुख्यमंत्री ही बदल जाता | अभी राहुल आगामी उत्तर प्रदेश कि चुनाव कि तैयारी में पूरा उत्तरप्रदेश में किसान यात्रा निकल चुके लेकिन वही महाराष्ट्र में किसानों पर हुए अत्याचार पर कांग्रेस अपनी चुपी तोडकर औचरिकता कि खाना पूर्ति भर है |

राहुल गांधी ने मावल का दौरा कर सिर्फ एक औपचारिकता निभाने की कोशिश की है। इससे किसानों की किसी समस्या का हल नहीं होने वाला। दूसरी बात की कांग्रेस बनाम राष्ट्रवादी कांग्रेस की राजनीति के नजरिए से भी देखा जा रहा हैकि मावल गोलीबारी मामले में विपक्ष शुरू से राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को घेरने कोशिश कर रही कि गृह मंत्रालय भी राकांपा के ही पास है। कभी कांग्रेस का गढ़ रहे पुणे पर अब अजीत पवार का दबदबा माना जाता है। अजीत केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे हैं। यानि कांग्रेस अपनी पार्टी के गलती के जगह राकापा को जिम्मेदार बताना चाह रही है | आगामी चुनाव में कांग्रेस इस हत्याकांड से अपना पला झाड रही है | राहुल कि यह यात्रा तो राजनीतिक के लिए केवल एक दिखावा भर था लेकिन देखा जाया तो राहुल का देश कि समस्या से पलायन वादी है तथा केवल नौटकी ही दिखती है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें