शनिवार, 27 अगस्त 2011

सदन में राहुल गांधी की चाल भी उल्टी पड़ गई...........।


देश को राहुल गांधीजी से बहुत उमीद थी लेकिन राहुल ने पूरा नहीं किया | जिस जनलोक पाल बिल पर सदन चर्चा हो रही था |तो कांग्रेसियों ने राहुल गाँधी से सदन में उनके विचार रखे में अपेक्षा था लेकिन राहुल ने तो अपने विचार रख कर पार्टी को ही भ्रम में डाल दिया | राहुल ने कह दिया कि लोकपाल अकेले भ्रष्टाचार नहीं रोक सकता है |तो बात पूरा उल्टा हो गया आम जनता में इसका गलत सन्देश चला गया की राहुल गाँधी जन लोकपाल पर सहमत नहीं है |

अन्ना समर्थक ने राहुल गाँधी में निवास पर जाकर विरोध प्रगट करने चले गए | पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया | सबसे बड़ी बात यह है की यह चूक महगा पड़ा |दूसरी बात की पार्टी इस बिंदु पर अटक गई | जिसका परिणाम शनिवार को साफ दिखाई दिया। सरकार तय नहीं कर पाई कि वह अन्ना की प्रस्ताव पर क्या फैसला करे? सरकार ने यह पर अपने को बचनेके लिए यह कही की हम तो केवल चर्चा के लिए तैयार है यदि हम सदन में प्रस्ताव रख तो भाजपा प्रस्ताव को पास नहीं करेगी | जैसे ही यह बात मिडिया के द्वारा बात सामने आई तो सुषमाजी स्वराज ने तुरत कहा की सरकार सदन पर प्रस्ताव रखे हम तुरंत पास करेगे | जनता की दबाव देख कांग्रेसियों ने तुरंत हरकत में आकार प्रधानमंत्री के कार्यलय से प्रस्ताव तैयार हो कार आया | यह गलती मिडिया के कारण तुरंत उजागर हुआ |

राहुल गाँधी की तथा सरकार की ताल मेल बिगाड़ा हुआ दिखता है | राहुल ने बयान ने पार्टी को लाइन से पूरी तरह से उतर दिया | जो बात प्रधानमंत्री ने सदन में कहा की भ्रष्टाचार मिटने के लिए सशक्त जन लोकपाल की आवश्यकता है तो राहुल ने कि लोकपाल अकेले भ्रष्टाचार नहीं रोक सकता है | यह बात पर सरकार और राहुल गाँधी के बीच का मतभेद उजागर करता है | दूसरी बात की काग्रेसियों की योजना कार फेल होते दिखे | देश ने राहुल गाँधी की कुशलता पर संदेह देखता है की जिस तरह से कांग्रेस राहुल को प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने की कोशिश कार रहा है वह एक प्रकार से सक्षम नहीं है |

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