छत्तीसगढ़ में कांग्रेस
की सरकार होने के बावजूद लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी को करारी हार
मिली है। वही इस कारण प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने रविवार को राजीव भवन में
कांग्रेसियों को आगाह किया है कि सबसे पहले तो संगठन के भीतर छत्तीसगढ़िया और गैर
छत्तीसगढ़िया नेता-कार्यकर्ता के बीच के भेद को खत्म करना जरूरी है। पुनिया ने कहा कि यक्ष
प्रश्न यही था कि पांच माह में ऐसा क्या हो गया कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत 43 से गिरकर 40 पर पहुंच गया और भाजपा का 33 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत पहुंच गई।
छत्तीसगढ़ के विधानसभा
चुनाव 2018
में कांग्रेस की 67
सीट से भारी बहुमत से जीत
कर सत्ता में आयी। राहुल गांधी ने भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया।
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण होने के बाद से ही पहली बार मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़िया बना है, ऐसा माहौल बनाया गया कि यह भूपेश बघेल की सरकार
छत्तीसगढ़ियों की सरकार है। आज भी बहुत से लोग नौकरी, रोजगार,
शिक्षा,
व्यापार,
विस्थापन,
पलायन,
अच्छे अवसरो के लिए एक
राज्य से दूसरे राज्य में जा कर बसते ( निवास ) हैं। संविधान में आम नागरिकों को यह मौलिक अधिकार है कि भारत में रोजगार या जीवन यापन के लिए किसी भी कोने में बस (निवास) सकता है। विधानसभा चुनाव के बाद
कांग्रेस की इस बर्ताव से गैर छत्तीसगढ़ के लोग नाराज हो गए है, यह कारण भी भी एक कारण है। अब देख लो रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री है। इनके पूर्वज रोजगार के लिए छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव से झारखंड गए थे, आज रघुवर दास मुख्यमंत्री झारखंड के है। अभी मोदी सरकार में रामेश्वर
तेली को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया है। इनके भी परिवार असम के चाय बागान में
रोजगार के लिए छत्तीसगढ़ से असम गए। असम से सांसद चुने गए और मोदी सरकार केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाये गए है ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब
से मुख्यमंत्री बने है, तब से प्रशासनिक अराजकता छत्तीसगढ़ में बन चूका है। पहला
कारण है प्रशासन में गैर छत्तीसगढ़िया अधिकारियों की बहुलता है। पिछले 5 वर्षो में
रमन सरकार ने जरुरत से ज्यादा इन अधिकारियों को सर पर चढ़ाया
था।15 वर्ष बाद अचानक सत्ता बदल गई। लेकिन यह अधिकारी अपना वही आदत नहीं बदले, परिणाम
सामने है। दूसरी बात कांग्रेस के कार्यकर्त्ता अतिविश्वास में रहे की हम जीत रहे है।मैं कहता था कि 1996 से लेकर 2014 तक लोकसभा चुनाव भाजपा जीत रही है। लोकसभा
में लड़ाई मोदी और राहुल का होगा तो कांग्रेस के लोग भी मोदी को ही समर्थन करेगे। 2019 चुनाव में भी ऐसा ही हुआ।
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