मंगलवार, 11 मई 2021

‘बुद्ध मुस्कराए’ भारत का पोखरण में परमाणु परीक्षण 11 मई 1998 आपरेशन शक्ति

 

भारत के प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी ने अपने निवास रेसकोर्स पर सभी विदेशी मीडिया को प्रेस कांफ्रेस (पत्रकार वार्ता) के लिए बुलाया  ठीक समय के 5 बजे पत्रकार वार्ता शुरू हुआ, प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाहर आये और उन्होंने सभी मीडिया के सामने कहा कि -- आज भारत 3.45 मिनट पर भारत ने पोखरण में तीन भूमिगत परमाणु परीक्षण किया है  यह खबर दुनिया के लिए धमाका ....था । यह घटना 11 मई 1998 को पांच प्रकार के परमाणु परीक्षण किए, जो सभी सफल रहा है हम परमाणु हथियारों का प्रयोग पहले किसी भी देश पर नहीं करेंगे और अबतक हमारे वैज्ञानिकों को जितना भी परमाणु परीक्षण करना था, उन्होंने कर लिया है अब हम यह परमाणु परीक्षण कार्यक्रम बंद कर रहे हैं

भारत जल्द परमाणु परीक्षण करने वाला है, दुनिया के किसी भी देश को नहीं पता था इस अभियान का अत्यंत गोपनीय रखा गया था। केवल कुछ लोगों तक ही जानकारी थी। अमेरिका और उसके सहयोगी देश कभी नहीं चाहते थे, की भारत परमाणु परीक्षण करे। वह किसी भी अन्य देश को परमाणु बम बनाने से रोकता था। वह अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ़्रांस और चीन के बाद किसी और देश को भी परमाणु कार्यक्रम नहीं करने देता था। अमेरिका ने इसके लिए भारत पर निगरानी रहने के लिए ख़ुफ़िया सेटेलाइट से पोखरण में निगरानी करता था। इसकी सुचना अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिटन को दिया जाता था।   

1994 पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने परमाणु परीक्षण की तैयारी पूरी कर लिया था। लेकिन इसकी खबर अमेरिका के राष्ट्रपति को मिल गया जिसके बाद उन्होंने भारत सरकार को चेतावनी दिया इस कारण से परमाणु परीक्षण को रोक दिया गया। बुध्द पूर्णिमा के दिन भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया था वह दिन 18 मई 1974 को कोडवर्ड बुध्द मुस्कुराए रखा गया था तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इसे शांतिपूर्ण कार्य के लिए किया गया परमाणु परीक्षण मात्र है।

भारत में परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ होमी जहाँगीर भाभा थे। 1945 में उन्होंने ने आजादी से पूर्व ही भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाना चाहिए थे भारत में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी प्रधानमंत्री बने, तब ही परमाणु एनर्जी एक्ट बनाया जिसका उद्देश्य शांतिपूर्ण कार्य हेतु का परमाणु एनर्जी कमीशन जिनके सचिव डॉ होमी जहाँगीर भाभा बनाया गये लेकिन यह परमाणु बम बनने की इजाजत नहीं थी, परमाणु उर्जा से सस्ता बिजली और इंजीनियरिंग क्षेत्र में काम करने के लिए योजना बनाया गया वैसे नेहरू जी परमाणु अप्रसार संधि के पक्ष में थे लेकिन नेहरु जी ने इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किये 1954 में जब ट्राम्बे परमाणु उर्जा केंद्र मुंबई को बना गया था 1962 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा से पूछा था कि क्या हम परमाणु बम बना सकते हैं ? तो डॉक्टर जहांगीर भाभा ने कहा कि जी हां बना सकते हैं नेहरू जी पूछा - इसमें कितना वक्त लगेगा ? उन्होंने कहा कि कम से कम सारी सुविधा मिली तो हम 2 साल में बना सकते हैं नेहरू जी ने कहा कि बिल्कुल आप तैयारी करिए और मैं जब तक ना कहूं, तब तक आप परीक्षण नहीं करेंगे

नेहरु जी को कुछ गोपनीयता पता चला था कि चीन भारत के साथ कुछ गड़बड़ करने वाला है, तथा चीन भी परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा था ऐसा ही हुआ 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया। चीन द्वारा 1962 आक्रमण के बाद भारत आर्थिक स्थिति से कमजोर हो गया इसी सदमे के कारण नेहरु जी का निधन हो गया लेकिन चीन 1964 में परमाणु परीक्षण कर इस क्षेत्र में परमाणु बम परीक्षण कर अपनी बात शायद साबित कर गया इस बात को लेकर भारतीय जनसंघ ने लोकसभा में प्रस्ताव लेकर आये, कि भारत को भी परमाणु परीक्षण करना चाहिए तथा परमाणु बम बनाना चाहिए इस संदर्भ में डॉक्टर जहांगीर होमी भाभा ने 27 नवंबर 1964 को अपने रेडियो प्रसारण में कहा कि हम 18 महीने में परमाणु बम बना लेंगे और यह शक्तिशाली देशों से लड़ने का सबसे सस्ता हथियार है हमें अपनी सुरक्षा की तकनीक खुद करनी है इसलिए हम किसी दूसरे विकल्प पर विचार नहीं कर सकते हम परमाणु बम बना कर शक्तिशाली बन सकते है परमाणु बम ही सबसे सस्ता विकल्प है इसी बीच भारत-पाकिस्तान का 1965 में युद्ध हुआ इस युद्ध के बाद डॉक्टर जहांगीर होमी भाभा का निधन हो गया। जिसके बाद भारत का यह परमाणु परीक्षण कार्यक्रम रुक गया



1971 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर युद्ध शुरू किया तब श्रीमती इंदिरा गाँधी को  महसूस हुआ कि भारत के पास परमाणु बम होना चाहिए क्योंकि 10 वर्षों में भारत ने तीन युद्ध लड़े, इसके कारण भारत का आर्थिक रूप से भी, बहुत जनहानि हुआ। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने परमाणु बम बनाने का फैसला लिया 7 सितंबर 1972 को इंदिरा गांधी ने परमाणु बम के लिए ट्रोमबे का दौरा किया श्रीमती इंदिरा गांधी को बताया गया, की 2 वर्ष में परमाणु परीक्षण किया जा सकता है फिर 18 मई 1974 में राजस्थान के पोखरण क्षेत्र में भारत ने परमाणु परीक्षण किया श्रीमती इंदिरा गांधी से गलती हुई कि वह अंतरराष्ट्रीय दबाव के चक्कर में आकर इसे शांति हेतु कार्य हेतु यह परमाणु परीक्षण किया हैलेकिन दुनिया तब तक जान गई थी, कि भारत धीरे-धीरे लुका छिपी कर वह अपनी तरीके से परमाणु हथियार बना रहा है  

पीवी नरसिम्हा राव ने एक बार फिर से, भारत के वैज्ञानिकों से परमाणु परीक्षण के बारे में जानकारी लेने को कहा इस पर वैज्ञानिकों ने कहा कि हमें थोड़ा समय चाहिए उन्होंने कहा कि आप लोग तैयारी करें, लेकिन किस दिन करना है यह सरकार बताएगी तथा राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक रूप से इसका विश्लेषण करके दिन तय किया जाएगा यह भारत के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि पीवी नरसिम्हा राव परमाणु परीक्षण नहीं कर पाए। वैज्ञानिकों ने समय लिया और इसी बीच अमेरिका को भी पता चल गया की भारत परमाणु परीक्षण करने वाला है अमेरिका ने भारत को चेतावनी देकर यह परमाणु परीक्षण का काम बंद करा दिया1996 पीवी नरसिम्हा राव का कार्यकाल खत्म हो गया उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आई पीवी नरसिम्हा राव ने अटल बिहारी वाजपेई को सत्ता सौंप दिया कहा कि मैंने सारी तैयारी कर ली है केवल आपको परीक्षण के लिए तिथि तय करना है लेकिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 2 दिनों के अंदर परमाणु परीक्षण करने के लिए कहा था। लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा कि थोड़ा समय और चाहिए तब तक 13 दिनों की सरकार थी, वह सरकार गिर गई और परमाणु परीक्षण का अभियान वैज्ञानिकों ने रोक दिया उसके बाद किसी सरकार की हिम्मत नहीं हुई 

18 मार्च 1998 को फिर से अटल बिहारी वाजपेई ने शपथ ग्रहण किया। 1964 लोकसभा में भारतीय जनसंघ ने प्रस्ताव लाया था कि भारत को परमाणु परीक्षण कर परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाना है। 1996 के लोकसभा चुनाव में  भाजपा ने घोषणा पत्र में कहा गया था अब उसे पूरा करने का समय आ गया है उसके 2 दिन के अंदर 20 मार्च 1998 को एपीजे अब्दुल कलाम और चिदंबरम को बुलाकर परमाणु परीक्षण के बारे में पूछताछ की तथा कहा कि जल्दी से जल्दी इस अभियान को शुरू किया जाए, इसे पूर्ण किया जाए आप लोग परीक्षण तय करके, सरकार तिथि बताएगी, किस दिन करना है और तैयारी शुरू हो गई इसी बीच सरकार ने अनुमति दे दी कि 11 मई को परमाणु परीक्षण करना है यह परमाणु परीक्षण अभियान अत्यंत ही गोपनीय (सीक्रेट मिशन आपरेशन शक्ति) तरीके से हुआ यहां तक कि अमेरिका का ख़ुफ़िया सेटेलाइट इस परीक्षण के समय पोकरण के आसपास घूमता था इसलिए परीक्षण का समय एक्शन का समय बहुत ही गोपनीय तरीके से रखकर योजना बनाई गई 

दिन में वहां सेना के जवान फुटबॉल, क्रिकेट खेल थे रात के समय वहां परीक्षण की तैयारी चलता था एपीजे अब्दुल कलाम, चिदंबरम, सेना के अधिकारी तथा भारत के वैज्ञानिक सारे सेना के यूनिफॉर्म में होते थे गोपनीय (सीक्रेट मिशन) रूप से सभी लोग के कोडिंग नाम थे और इस गुप्त नाम से ही एक दूसरे को बुलाते थे 2 महीने की तैयारी के बाद, 11 मई 1998 को परीक्षण 3:45 मिनट पर 3 परमाणु बम का विस्फोट किया गया और प्रधानमंत्री कार्यालय को सूचित किया किया कि बुद्ध मुस्कुराए आपरेशन शक्ति यह इस अभियान का कोड वर्ड थाइसी कोडवर्ड से प्रधानमंत्री कार्यालय को सूचित किया गई प्रधानमंत्री ने तत्काल 5:00 बजे प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने घोषणा की कि भारत ने 5 परमाणु परीक्षण किए हैं और आज से भारत परमाणु संपन्न देश है अब हम किसी प्रकार का परमाणु परीक्षण नहीं करेंगे

अमेरिका की दादागिरी खत्म -

जब चीन और अमेरिका के जैसे देशों के पास हाइड्रोजन बम हो गए इन्होने एक संगठन बनाकर दुनिया पर दादागिरी दिखानी शुरू कर दी दूसरे देशों द्वारा शुरू किये गए परमाणु कार्यक्रमों का विरोध शुरू कर दिया। चीन ने भारत पर दादागिरी दिखानी शुरू कर दी जिससे भारत को भी हाइड्रोजन बम बनाने का दबाव पड़ा। इसके बाद भारत ने सीक्रेट मिशन के तहत परमाणु बम बनाना शुरू किया और 11 मई 1998 में अटल विहारी वाजपयी की सरकार में हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया। भारत सरकार ने किसी भी देश को इस परीक्षण की खबर तक नहीं लगने दी और जैसे ही परीक्षण किया गया, पूरी दुनिया में कोहराम मच गया।लेकिन उसका फायदा यह हुआ कि चीन ने हम पर दादागिरी दिखानी बंद कर दी।

पाकिस्तान का परमाणु हथियार उजागर -

15 दिनों बाद पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण 28 मई 1998 को किया इससे पाकिस्तान का परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम उजागर हो गया कोई भी देश कितनी भी तैयारी करे, 15 दिनों के अन्दर परमाणु परीक्षण नहीं कर सकता है पाकिस्तान चोरी छिपे चीन के मदद से अपना परमाणु विकास कार्यक्रम चला रहा था। 1971 में भारत से युद्ध हारेने के बाद पाकिस्तान परमाणु हथियार बनाने का काम शुरू किया था। 2005 में बेनजीर भुट्टो ने कहा था कि मेरे पिताजी बताये की पाकिस्तान परमाणु हथियार का परीक्षण 1977 में करने वाला था लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय दबाव के कारण अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।   

भारतीयों का स्वाभिमान बढ़ा -     

उस समय भारत की दुनिया में आलोचना हो रही थी। यूनाइटेड नेशन ने भारत पर सभी तरह के आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दिए जिसका अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को भुगतना पड़ा और भारत के आर्थिक विकास को काफी नुकसान हुआ लेकिन आज भारत चीन से भी तेज गति से विकास कर रहा है।

 

 

 


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