गुरुवार, 20 मई 2021

केजरीवाल मुँह खोला तो... गोबर

भैंस पूंछ उठाएगी तो गाना नही गायेगी गोबर करेंगी। ऐसा ही हाल केजरीवाल का हुआ है। होशियार दिखाने के चक्कर में उल्लू का पट्ठा बन जाता है। नए कोरोना स्ट्रेन B.1.617 को लेकर 18 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान दिया की सिंगापुर में आया करोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद खतरनाक बताया जा रहा है। भारत में तीसरे लहर की संभवना बन सकता है। सिंगापुर सरकार भारतीय दूतावास के बुलाया और अपनी आपत्ति दर्ज किया। इसके बाद भारत सरकार को  सफाई सिंगापुर को देनी पड़ी। अब ऐसा लगने लगा है कि अरविंद केजरीवाल जी जानबूझ कर बोलते की भारत की छवि खराब हो।

भारत में बोलने की आजादी है, इसका कई लोग भारत विरोध कर लाभ उठाते हैं। ऐसे ही अरविंद केजरीवाल भी है। भारत सरकार के अधिकारी रह चुके, अब नेता बनकर तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं। चाहे ऑक्सीजन, वैक्सीन अब covid19 की बात हो प्रधानमंत्री मोदी सरकार को नीचा दिखाने के लिए कुछ भी कह देते है। चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस को WHO कभी नही चायना वायरस कहा है, वह उसका साइंटफिक नाम से ही कहते है। ऐसे भारत विरोधी लोग भारतीय वेरियंट्स कह रहे हैं। ऐसे लोगों को WHO ने स्पष्ट कहा था कि यह गलत बात नही कहे है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 18 मई मंगलवार को कहा था कि सिंगापुर में मिला नया स्ट्रेन भारत में तीसरी लहर का कारण बन सकता है, जो बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकता है। 

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था--

सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है। केंद्र सरकार से मेरी अपील:

1. सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हों

2. बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो।

केंद्रीय मंत्री हरदीप पूरी ने कहा कि 23 मार्च से सिंगापुर घरेलू उड़ान बंद है। केवल आवश्यक सामग्री के लिए ही सेना की विमान उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कोपूरी तरह से जिम्मेदारी पूर्वक बात करनी चाहिए। लेकिन होशियारी दिखाने के चक्कर में देश और खुद की बेइज्जती करवाया अरविंद केजरीवाल ने।

इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद से ट्वीट कर सिंगापुर को स्पष्ट किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि उन्होंने जो कहा वह भारत का पक्ष नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ''सिंगापुर और भारत दोनों कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में सिंगापुर द्वारा भारत की जो मदद की गई है, उसके लिए उनका धन्यवाद। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का बयान भारत का नहीं है।

सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वोन्ग ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सिंगापुर इस दुर्भाग्यपूर्ण चैप्टर को बंद करना चाहता है। महामारी के खिलाफ साझा जंग पर फोकस करना चाहता है। नए स्ट्रेन को सिंगापुर से जोड़ने वाले केजरीवाल के ट्वीट के बाद दक्षिण एशियाई देश के साथ कूटनीतिक संबंध प्रभावित होने की नौबत आ गई।

वोन्ग ने कहा, ''हम भारत सरकार की स्पष्ट जवाब की तारीफ करते हैं और इससे संतुष्ट हैं।'' उन्होंने कहा कि एक प्रमुख राजनीतिक शख्सियत ने नई दिल्ली में तथ्यों को परखे बिना दुर्भाग्यपूर्ण बातें कहीं, जिसपर सिंगापुर ने गहरी चिंता जाहिर की है। 

वोन्ग ने कहा, ''वास्तव में सिंगापुर में ऑनलाइन फैलाए जाने वाले झूठ को रोकने के लिए एक कानून है, POFMA  (Protection from Online Falsehoods and Manipulation Act)। यह गलत जानकारी को फैलने से रोकने के लिए बनाया गया है। हमारे पास इस मुद्दे पर माननीय मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए बयानों और दावों पर POFMA लागू करने का अधिकार है।''

POFMA को आमतौर पर फेक न्यूज कानून के तौर पर जाना जाता है। सिंगापुर की संसद की ओर यह कानून झूठी जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए बनाया गया है। वोन्ग ने कहा कि अहम राजनीतिक पद संभालने वाले लोगों की जिम्मेदारी है कि वे झूठ को ना फैलाएं। 

 यह B.1.617.2 वेरिएंट ही है, जो पहली बार भारत में मिला था।  

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