रविवार, 23 मई 2021

आखिर में थप्पड़ वाले कलेक्टर साहब निपट गये...

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में अब तक पदस्थ रणवीर शर्मा कलेक्टर ने घुमते हुए युवक को थप्पड़ मारा इसकी गुज ट्वीट के द्वारा पूरे देश मे सुनाई दी। सूरजपुर बड़े बड़े रईसजादों को अभी के Covid19 में अच्छी तरह से पिछवाड़ा लाल किये है। वास्तव में सूरजपुर जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, कलेक्टर रणवीर शर्मा ने चौक पर खड़े हो कर स्वयं निगरानी करते हुए, कई बार सोशल मीडिया में दिखे है। लेकिन कुछ लोग हैं कि मानते ही नही है। कल सूरजपुर चौक में कड़ी धूप में पुलिस वालों अपनी डियूटी निभाते देखकर  रणवीर शर्मा ने उत्साहवर्धन के लिए रुके थे। तभी यह युवक स्पीड में बाईक से घूम रहा था। रोकने पर नही रुके, लेकिन पीछा कर रोका गया। रोके गए युवक को पूछने पर उसने कहा कि वैक्सीन लगवाने जा रहा हूँ। फिर दादी के लिए दवाई लेने के लिए जा रहा हूँ। इसी बात पर बार बार झूठ बोलने पर गुस्से में कलेक्टर ने थापड़ जड़ दिया और मोबाईल फोन तोड़ दिया। जबकि उसके पास दवाई का बिल भी था। लेकिन पुलिस के जवान ने दो डण्डा गया। किसी ने इस वीडियो को वायरल किया गया है। खास तौर से पूर्व में पिटाई खाये हुए लोग सक्रिय हो गए। 

वीडियो वायरल के बाद कलेक्टर साहब ने माफी मांगी। तब तक मीडिया कर्मियों ने अपने चैनलों पर न्यूज भी चला दिया गया। विपक्ष ताक में बैठा था, क़भी कभी अधिकारियों को बचाने का काम विपक्ष कर देता है। लेकिन कलेक्टर साहब ने कभी भी भाजपा को भाव नही दिया था। मुझे याद है कि सूरजपुर में रमन सिंह सरकार ने अटल हाईटेक बस स्टैड के नाम से पूर्व मंत्री ने भूमि पूजन हुआ। लेकिन कलेक्टर साहब ने अटल जी का नाम हटा दिया। इस पर भाजपा के लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया, जिसपर रणवीर शर्मा ने अपेक्षित कार्यवाही नही किया। अभी भाजपा के लोग बहुत आक्रमक है, किसी भी मुद्दें पर सरकार को घेर रही है। टूलकिट मामले में रमन सिंह पर FIR दर्ज हो गया है। यह खबर ने सूरजपुर के भाजपा के नेताओं को भूपेश सरकार घेरने का मौका मिला गया।इन्ही भाजपाईयो ने वीडियों पर इसे राष्ट्रीय खबर बना दिया है। इसमें कलेक्टर साहब तो रायपुर चले गए। लेकिन भूपेश बघेल की सरकार और कांग्रेस पार्टी की फजीहत हो रही हैं।

रणवीर शर्मा ने वीडियो बनाकर बड़ी गलती कर दिया। उसने यही सोचा होगा कि इससे जनता में कलेक्टर की दबंग छवि बनेंगी। अमन मित्तल को मार और मोबाईल तोड़ दिया। उसने सोशल मीडिया की ताकत को युवाओं से जोड़ दिया। युवाओं ने इस पर अपनी गंभीर प्रतिक्रिया दिया, जो राज्य सरकार के लिए मुसीबत बन गया। इससे पला झाड़ने के लिए माफी और नयी मोबाईल खरीद कर देने की बात कहा गया। कलेक्टर ने अमन मित्तल को बुलाकर माफी माँगी और नया मोबाईल दिया। 
बात तो राजनीतिक गलियारों में चल चुका था। भाजपा के लोगों को उपेक्षा करना अब मंहगा पड़ा। किसी भी नौकरीशाह के लिए जनता ही देवता होते हैं भूल जाते हैं। नौकरशाह खुद को मालिक समझने लगता है।

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