2014 मई के लोकसभा चुनाव के परिणाम आते ही बीजेपी की मोदी सरकार केंद्र में बन गई। पहले नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी जैसे अटल आडवाणी की जोड़ी नई जोड़ी बन थी। उस समय बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह थे। उन्होंने नरेन्द्र मोदी का नाम प्रधानमंत्री के लिए आगामी लोकसभा २०१४ में घोषणा किये थे। अमित शाह को नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की घोषणा के बाद तुरंत ही उत्तर प्रदेश का प्रभारी अमित शाह को बनाया। अमित शाह ने पूरी मेहनत से रात-दिन एक करके उत्तर प्रदेश से 80 में से 73 सीटों को जीत कर दिखाया है।
नरेन्द्र मोदी जानते थे कि उत्तरप्रदेश से अधिक से अधिक सीट जीत ज्यादा जरूरी है। केंद्र में भाजपा की सरकार तभी बन सकती है, जब उत्तरप्रदेश से चुनाव लड़कर प्रधानमंत्री बनना है तो। राजनीति के पंडित बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 40 सीट दे रहे थे। किसी ने नहीं सोचा था कि बीजेपी 73 सीट जीत जाएगी। भारतीय जनता पार्टी का काम करने का एक संगठनात्मक तरीका है। राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर भाजपा के बूथ तक के कार्यकर्त्ताओं कार्य करने का एक तरीके है। बीजेपी एक बूथ 10 जवान 10 सियान 10 महिलाएं के अनुसार टीम में काम करती है। मैंने 30 वर्षों से देख रहा हूं यही नारा है। यही काम अमित शाह ने बूथ पर फोकस किया। उत्तर प्रदेश के सभी कार्यकर्ताओं को जगा दिया और 6 महीने के अंदर बुध मैनेजमेंट के कारण उत्तर प्रदेश में 73 सीटें प्राप्त हुए। नरेन्द्र मोदी ने भी उत्तरप्रदेश से चुनाव लड़ेंगे खासतौर से धार्मिक संस्कृति नगरी काशी (बनारस) यहां से भी एक प्रकार से राजनीति खेल हुआ। उत्तरप्रदेश में मोदी लहर चल पड़ी। इसका असर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान के विधानसभा पर पडा और हिंदी भाषी क्षेत्रों में जैसे बिहार, झारखंड, में भी असर पड़ना शुरू हुआ। 2013 के छत्तीसगढ़ विकास यात्रा के समापन में मोदी के भाषण ऐतिहासिक रैली यादगार बनाया गया। यह तक अंबिकापुर की रैली के समापन पर मोदी जी को लालकिला के प्रतीक में मंच बनाकर प्रचारित किया गया।
भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह गृहमंत्री के कारण उन्होंने अपना अध्यक्ष पद छोड़ दिया। सभी लोग जानते थे कि मोदी जी अमित शाह को पार्टी अध्यक्ष बनाएंगे। यह बात बीजेपी का साधारण कार्यकर्ता भी समझ रहा था। मोदी ने अमित शाह को पार्टी अध्यक्ष बनाकर अपनी सरकार और संगठन सही तालमेल बना लिया। दिल्ली में अमित शाह को भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में बीजेपी का राष्ट्रीय दायित्व सौंपा गया। उस दिन बीजेपी के प्रेस वार्ता में एक पत्रकार के रूप में मैं भी वहां था। इसके बाद अमित शाह का काम शुरू इसके बाद अमित शाह का काम शुरू हुआ पार्टी से जुड़े नए पुराने कार्यकर्ताओं का सदस्यता अभियान मोबाइल से मिस कॉल कर शुरू किया। इसे कार्यकर्ता पुराने और नए कार्यकर्ताओं का एक डाटाबेस तैयार होना शुरू हुआ। पार्टी के नियम में काम जुड़ा प्रवासी कार्य यानी जो भी नेता है। प्रदेश का प्रभारी है वह किसी प्रदेश में जाएगा तो कम से कम एक रात भी शाम करेगा। तभी उसका प्रवास माना जाएगा। इससे यह असर हुआ कि राष्ट्रीय स्तर के नेता धीरे-धीरे प्रदेश स्तर की राजधानियों में जाने लगे। संभाग स्तर से जिला स्तर पर जाने लगे इसका परिणाम। यह हुआ कि प्रदेश के पदाधिकारी धीरे-धीरे अपने ब्लॉक स्तर पर प्रदेश के ब्लॉक स्तर पर नेता जाकर एक नेट्वर्क तैयार करना शुरू हो गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें