गुरुवार, 13 मई 2021

वुहान कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को 'भारतीय' कहने पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई | WHO ने कहा है कि हमने B. 1.617 वेरियंट को 'भारतीय वेरिएंट' ऐसा हमने नहीं कहा है |



वुहान वायरस या चीनी वायरस को कोरोना 19 कहा जाता है। WHO ने कभी भी चीनी वायरस के नाम लेकर नहीं कहा है, लेकिन भारत में जरुर ऐसा कहा है, कि 44 से कई देशों में भारत का वेरियंट मिला है इस बात पर भारत सरकार ने WHO पर कड़ी आपति दर्ज किये है। भारत सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिसमें दावा किया जा रहा है विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने कहा है कि दुनिया के 44 देशों में कोरोना का भारत वाला वेरिएंट मिला है।  WHO ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट को 'भारतीय वेरिएंट' के रूप में नहीं कहा गया है। लेकिन कुछ मीडिया हाऊस ने ऐसा प्रचारित किया है। ऐसा करने वाले मीडिया हाउस कौन है। ऐसे मीडिया हाउस का काम है कि वर्तमान मोदी सरकार को बदनाम किया जाये लेकिन उन्हों भारत की बदनामी का डर नहीं है ऐसा काम विदेशी मीडिया जानबूझकर करती रही है लेकिन भारतीय मीडिया को ध्यान रखना चाहिए था ?



विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने भारत में कोविड़ 19 ने नया रूप लिया है इस कोरोना वायरस को नाम दिया है कोविड 19 अंश B.1.617 एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है। कई मीडिया रिपोर्टों ने इस वेरिएंट को 'भारतीय वेरिएंट' कहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है, बिना किसी आधार के है। भारत में अभी जिस वेरिएंट का कहर दिख रहा है, वह ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वेरिएंट के बाद कोरोना का चौथा प्रकार B.1.617 माना जाता है। 

हम सभी जानते हैं कि कोरोना को चीन वुहान शहर के प्रयोगशाला में विकसित किया गया है। दुनिया इसे चीनी वायरस के नाम से जानती है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वायरस को चायना वायरस कहते थे। यह वायरस लैबोरेटरी में बनने के कारण समय और परिस्थिति के कारण डबल म्यूटेंट हो जा रहा है। डबल म्यूटेंट के नाम से भी जाना जाता है, जो शरीर में एंटीबॉडीज को खत्म कर देता है। इसके फैलाने के एक वर्ष बाद इसे चायना वायरस नहीं कहा जा रहा बल्कि यह कहा जा रहा है ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत वेरियंट कह जा रहा है जिस वायरस को आज तक WHO ने नहीं कहा, अब इसे भारतीय वेरियंट कहा जाना यह हो सकता चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है चीन इस समय दुनिया के लिए कांटा हो गया है चीन ने अपने बनाये हुए वायरस से बचने के लिए दुनियाभर मीडिया हाउस का बेहिसाब पैसा दे रहा है  यही मीडिया हाउस वायरस के नाम को बदल कर नए देशों के नाम से वेरियंट बता रहा, आम लोगों को भ्रमित कर रहा है यह साफ साफ देख रहा है की कैसे चीन के बुहान से निकला वायरस, अब ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत वेरियंट कहा जाने लगा है  



भारत सरकार के आपत्ति के बाद  WHO ने स्पष्ट रूप से कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने दस्तावेज में  डबल म्यूटेंट स्ट्रेन यानी कोरोना वायरस के B.1.617 प्रकार को भारतीय वेरिएंटके रूप में वर्णित नहीं किया है। यहाँ तक की हम किसी भी देश का नाम भी नहीं लेते है  डबल म्यूटेंट वायरस का पता पहली बार 5 अक्टूबर, 2020 को चला, उस वक्त भारत में इतना व्यापक नहीं था।  भारत के बाहर ब्रिटेन में सबसे ज्यादा इस वेरिएंट के मामले सामने आए हैं।  WHO ने B.1.617 की घोषणा की- जो कि अपने म्यूटेशन और विशेषताओं के कारण चिंताजनक और खतरनाक रूप में गिना जाता है। इसलिए इसे पहली बार ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कोविड -19 के तीन अन्य वेरिएंट वाली सूची में जोड़ा गया था।

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वायरस के मूल संस्करण की तुलना में वेरिएंट को अधिक खतरनाक के रूप में देखा जाता हैक्योंकि  अधिक से हवा में संचारित (फैलता) हो रहे हैं या घातक हैं। WHO ने बताया कि B.1.617 को सूची में जोड़ा गया, यह मूल वायरस की तुलना में अधिक आसानी से प्रसारित होता प्रतीत होता है। डब्ल्यूएचओ ने "प्रारंभिक साक्ष्य" की ओर भी इशारा किया कि वैरिएंट संकेत देते हुए प्रारंभिक प्रयोगशाला अध्ययनों पर भी प्रकाश डाला।

 


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